बाबा साहेब एक व्यक्तित्व नहीं बल्कि जीवन दर्शन हैं : डा. शरणजीत कौर
जागरण संवाददाता रोहतक डा. भीमराव आंबेडकर एक व्यक्तिगत नहीं अपितु एक जीवन दर्शन हैं
जागरण संवाददाता, रोहतक :
डा. भीमराव आंबेडकर एक व्यक्तिगत नहीं अपितु एक जीवन दर्शन हैं। आज जरूरत है कि युवा पीढ़ी बाबा साहेब के मूल्यों को आत्मसात कर उनके दिखाए मार्ग पर चले। यह उद्गार हरियाणा वेल्फेयर सोसायटी फॉर पर्सन्स विद स्पीच एंड हियरिग इंपेयरमेंट, पंचकूला की चेयरपर्सन डा. शरणजीत कौर ने व्यक्त किए। वे सोमवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के राधाकृष्णन सभागार में आयोजित महापरिनिर्वाण दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंची थीं। एमडीयू के छात्र कल्याण कार्यालय तथा राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यालय की तरफ से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
डा. शरणजीत कौर ने कहा कि बाबा साहेब के जीवन का एक मकसद था। उन्होंने समाज के पिछड़े एवं वंचित तबके के हक और सम्मान की लड़ाई लड़ी। इसलिए एक दिन उनको याद करने की बजाए, पूरा वर्ष उनकी विचारधारा के अनुसार समाज एवं राष्ट्र विकास के लिए अपना योगदान देना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के पूर्व कुलपति तथा एमडीयू के इतिहास विभाग के सेवानिवृत प्रोफेसर डा. विजय कायत ने बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम के प्रारंभ में डीन, स्टूडेंट वेल्फेयर प्रो. राजकुमार ने स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय सेवा योजना समन्वयक प्रो. रणबीर सिंह गुलिया ने भी कार्यक्रम में संबोधन किया। प्रो. गुलिया ने डा. आंबेडकर को सच्चा राष्ट्र भक्त बताते हुए कहा कि बाबा साहेब ने समाज की बुराइयों को दूर करने के अहम प्रयास किए।
डा. शरणजीत कौर ने कार्यक्रम के अंत में उपस्थित जन को समाज एवं राष्ट्र सेवा की शपथ दिलवाई। प्राध्यापिका डा. सोनू देहमीवाल ने कार्यक्रम का संचालन किया। निदेशक युवा कल्याण डा. जगबीर राठी ने आभार प्रदर्शन किया। सहायक निदेशक युवा कल्याण डा. प्रताप राठी ने आयोजन सहयोग दिया। इस अवसर पर आर्यभट्ट सीआइएल निदेशक प्रो. अरूण नंदा, चीफ वार्डन गर्लस प्रो. संजू नंदा, संगीत विभागाध्यक्ष प्रो. विमल, डा. एसएस. गिल, डा. मनोज कुमार, डा. सुमेघ, एनएसएस कार्यक्रम सन्वयक डा. श्रीभगवान, डा. दीपक लठवाल, डा. अंजू पंवार, डा. रीतू गिल समेत संबद्ध महाविद्यालयों के कार्यक्रम अधिकारी, एनएसएस वालंटियर्स, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।