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वकीलों ने किया निर्माणाधीन चैंबरों पर किया कब्जे का प्रयास, बामुश्किल शांत हुआ मामला

जागरण संवाददाता, रोहतक : जिला बार एसोसिएशन में शनिवार सुबह निर्माणाधीन चैबरों को लेकर ह

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 09:41 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 09:41 PM (IST)
वकीलों ने किया निर्माणाधीन चैंबरों पर किया कब्जे का प्रयास, बामुश्किल शांत हुआ मामला
वकीलों ने किया निर्माणाधीन चैंबरों पर किया कब्जे का प्रयास, बामुश्किल शांत हुआ मामला

जागरण संवाददाता, रोहतक : जिला बार एसोसिएशन में शनिवार सुबह निर्माणाधीन चैबरों को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। कुछ वकीलों ने चैंबरों पर कब्जा कर पेंट से अपने नाम लिख दिया तो वहीं किसी ने पर्ची लगा दी। साथ ही दरवाजों पर भी ताले लगा दिए गए। इसे लेकर काफी हंगामा हुआ, जिसके बाद प्रधान ने रविवार को बैठक करने की सूचना जारी कर दी। इस बैठक में चैंबरों को लेकर बातचीत की जाएगी।

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दरअसल, जिला बार परिसर में 200 चैंबरों के लिए पांच मंजिला भवन बनाया गया है। इसके अलावा भी 70 चैंबरों के लिए अलग से भवन बनाया गया है। इन निर्माणाधीन चैंबरों पर कब्जे को लेकर आए दिन विवाद हो रहे हैं। शनिवार सुबह कुछ वकील बार में पहुंचे। वकीलों ने ग्रुप बनाकर जो भी निर्माणाधीन चैंबर खाली दिखाई दिया उस पर कब्जा कर लिया। किसी ने चैंबर के बाहर पेंट से अपना नाम लिख दिया तो किसी ने पर्ची लगा दी। कई वकीलों की आपस में भी कहासुनी हुई। आखिर में कुछ वरिष्ठ वकीलों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया। वहीं वकीलों का कहना था कि उन्होंने चैंबर के लिए करीब साढ़े तीन लाख रुपये की राशि जमा कराई है, लेकिन फिर भी उन्हें चैंबर नहीं मिल रहे। रुपये जमा कराने के बाद भी उन्हें बाहर बैठना पड़ रहा है। पूरे मामले को लेकर जिला बार एसोसिएशन के प्रधान लोकेंद्र फौगाट की तरफ से रविवार को बैठक बुलाने की सूचना जारी कर दी गई। बैठक में चैंबरों को लेकर बातचीत की जाएगी और शांतिपूर्ण तरीके से मामले को निपटाया जाएगा। दो बार वकील दे चुके हैं धरना

बार में इस समय करीब 2300 वकील है, जिसमें से लगभग 400 वकीलों के पास चैंबर नहीं हैं। इसके अलावा करीब 100 वकीलों के बैठने के लिए हॉल में व्यवस्था की गई है। वकीलों का कहना है कि वह चैंबरों के आबंटन को लेकर दो बार धरना दे चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा। हर बार उन्हें आश्वासन देकर चुप करा दिया जाता है। वकीलों का कहना है था कि यदि उन्हें चैंबर नहीं मिला तो ब्याज समेत उनके रुपये वापस दिलाए जाए।


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