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भ्रष्टाचार के आरोपित अधिकारियों पर केस दर्ज कराने का आश्वासन, ग्रामीणों ने कहा आखिरी अल्टीमेटम

जागरण संवाददाता रोहतक बिजली निगम के खिलाफ कई पंचायतों के प्रतिनिधियों ने मोर्चा खोल दिया ह

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 07:48 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 07:48 PM (IST)
भ्रष्टाचार के आरोपित अधिकारियों पर केस दर्ज कराने का आश्वासन, ग्रामीणों ने कहा आखिरी अल्टीमेटम
भ्रष्टाचार के आरोपित अधिकारियों पर केस दर्ज कराने का आश्वासन, ग्रामीणों ने कहा आखिरी अल्टीमेटम

जागरण संवाददाता, रोहतक

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बिजली निगम के खिलाफ कई पंचायतों के प्रतिनिधियों ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को लघु सचिवालय पर कई पंचायतों के प्रतिनिधियों ने प्रदर्शन किया। उपायुक्त ने इस प्रकरण में बिजली निगम के आरोपित अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज कराने का आश्वासन दिया है। वहीं, पंचायतों के प्रतिनिधियों आखिरी अल्टीमेटम बताया। यह भी कहा कि प्रशासनिक और बिजली निगम के अधिकारी नहीं सुनेंगे तो अगले 10-15 दिनों के बाद कई पंचायतों के प्रतिनिधि लघु सचिवालय में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर देंगी।

लघु सचिवालय पहुंची कई गांवों की पंचायतों के प्रतिनिधि व खाप प्रतिनिधियों के अलावा किसान नेताओं ने प्रदर्शन किया। भगवतीपुर से सुरेश, घिलौड़ कलां से बलवान रंगा, नरेश कुमार, अजायब से कृष्ण, लाखनमाजरा से राजबीर सिंह, गद्दी खेड़ी से जगमाल सिंह, गुढ़ान से राजेंद्र तोमर, भाली से सुरेंद्र कुमार, हरदीप सिंह ने प्रदर्शन किया। इन्होंने बाद में उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार से मुलाकात की और जांच रिपोर्ट का हवाला दिया। यह भी कहा कि बिजली निगम के उच्चाधिकारी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अधिकारियों-कर्मचारियों को बचा रहे हैं। तत्काल ही कार्रवाई की मांग की। सिंहपुरा पंचायत के पूर्व सरपंच ऋषिपाल के मुताबिक, उपायुक्त ने सभी आरोपित अधिकारियों-कर्मचारियों पर जल्द ही केस दर्ज कराने का आश्वासन दे दिया है, हालांकि यह नहीं बताया है कि कब तक कार्रवाई होगी। इसलिए दो सप्ताह इंतजार करेंगे। अन्यथा हमारे लिए आंदोलन का विकल्प खुला हुआ है। इस दौरान धर्मबीर सीरी, रामकिशन प्रधान मोखरा, राजा मोखरा, भाली से सुंदर सिंह, गद्दीखेड़ी से जगमाल, अनूप पूर्व सरपंच, दिलाबर, प्रमोद आदि मौजूद रहे। यह है मामला : बिजली निगम के अधिकारियों पर रिश्वत लेने के आरोप

सिंहपुरा पंचायत के पूर्व सरपंच ऋषिपाल के यहां बिजली निगम की टीम ने छापेमारी की थी। निगम की टीम ने पूर्व सरपंच और ग्रामीणों पर अभद्रता करने, बंधक बनाने और मारपीट करने के आरोप लगाते हुए पुलिस केस दर्ज कराया था। इसी तरह से बिजली चोरी तक के आरोप लगाए। यह मामला कोर्ट में लंबित बताया गया है। इसी प्रकरण में सिंहपुरा के 10 ग्रामीणों ने शपथ-पत्र देकर तत्कालीन एसडीओ, जेई, लाइनमैन, एक निजी बिजली कंपनी के कर्मचारी के अलावा सात अधिकारियों-कर्मचारियों पर रिश्वत लेने के आरोप लगाए। रिश्वत लेकर बिजली चोरी, नया मीटर लगवाने व अन्य मामलों में रिश्वत लेने के आरोप लगे। इस प्रकरण में सीटीएम के अलावा नगर निगम के संयुक्त आयुक्त सुरेश कुमार की जांच रिपोर्ट में इन अधिकारियों के आरोप सही पाए गए, ऐसा दावा किया गया है। अब कार्रवाई की मांग पर ग्रामीण अड़ गए हैं।

गाज गिराने के बजाय ग्रामीणों को ही कटघरे में खड़ा कर रहे अधिकारी

गंभीर आरोपों से घिरे बिजली निगम के सात अधिकारी-कर्मचारियों पर गाज गिराने के बजाय ग्रामीणों को ही कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। ग्रामीणों पर मारपीट करने, बिजली निगम की टीम को बंधक बनाने और बिजली चोरी के केस दर्ज होने का हवाला दिया जा रहा है। नगर निगम के संयुक्त आयुक्त सुरेश कुमार की रिपोर्ट का जिक्र किया जा रहा है। जिसमें ग्रामीणों पर भी बिजली निगम की टीम के साथ अभद्रता के आरोप लगे हैं। जबकि अधिकारी आज तक उस रिपोर्ट को दबाए रहे, जिसमें सीटीएम ने 21 सितंबर को बिजली निगम के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर आरोपित अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी।


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