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हंगामे के बीच हुआ चैंबरों का आवंटन, देर रात तक चली प्रक्रिया

जागरण संवाददाता, रोहतक : जिला बार परिसर चैंबरों पर कब्जे को लेकर चल रहे विवाद को खत्म कराने के लिए द

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 12:01 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 12:01 AM (IST)
हंगामे के बीच हुआ चैंबरों का आवंटन, देर रात तक चली प्रक्रिया
हंगामे के बीच हुआ चैंबरों का आवंटन, देर रात तक चली प्रक्रिया

जागरण संवाददाता, रोहतक : जिला बार परिसर चैंबरों पर कब्जे को लेकर चल रहे विवाद को खत्म कराने के लिए देर शाम चैंबर आवंटन की प्रक्रिया शुरू की गई। पर्ची के माध्यम से वकीलों को चैंबर अलॉट किए गए। इस बीच कई बार हंगामा भी हुआ। हालांकि वरिष्ठ वकीलों ने मामले को शांत किया। देर रात तक आवंटन की प्रक्रिया चल रही थी। गौरतलब है कि दो साल से चैंबरों को लेकर विवाद चल रहा है। यह मामला हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है, जिस पर अभी तक कोई फैसला नहीं आ सका।

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जिला बार एसोसिएशन में इस समय करीब 2350 वकील है। इनमें से लगभग 400 वकीलों के पास चैंबर नहीं है। इनके अलावा 100 से अधिक वकील हॉल में बैठते हैं। जिला बार परिसर में 272 नए चैंबरों का निर्माण कार्य काफी हद तक पूरा हो चुका है। चैंबरों के आवंटन को लेकर कई बार धरना-प्रदर्शन भी हो चुके हैं। शनिवार को कुछ वकीलों ने चैंबरों के बाहर नाम लिखकर कब्जे का प्रयास किया था। हालांकि जिला बार एसोसिएशन के प्रधान लोकेंद्र फौगाट ने रविवार को बैठक बुलाकर मामले का समाधान कराने का आश्वासन देकर वकीलों को रोक दिया था।

रविवार को दोपहर से ही वकीलों की गहमा-गहमी शुरू हो गई थी। इसके बाद देर शाम बैठक के बाद तय किया गया कि ड्रा के माध्यम से चैंबरों का आवंटन किया जाए। ड्रा में उन वकीलों को भी शामिल कर लिया गया था, जिन्होंने आधे रुपये जमा कराए थे। दरअसल, नए चैंबरों के लिए 230 वकीलों ने पांच किस्तों में साढ़े तीन लाख रुपये के हिसाब से राशि जमा कराई है। वकीलों का कहना था कि जिन लोगों ने पूरी राशि जमा कराई है उन्हें पहले आवंटन किया जाए। इसको लेकर वकीलों के बीच नोकझोक भी हुई। प्रधान लोकेंद्र फौगाट व सचिव पुनित पूनिया ने आवंटन की प्रक्रिया शुरू कराई। ऐसे किए गए आवंटन

आवंटन की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए दो ड्रम रखे गए थे। एक ड्रम में चैंबर का नंबर और दूसरे ड्रम में वकीलों के नाम की पर्ची डाली गई थी। इसके बाद एक-एक दोनों ड्रमों से पर्ची को निकाला गया। जिस वकील के नाम पर जिस चैंबर का नंबर निकल रहा था उसे वह आवंटित कर दिया गया। दो चैंबर सीनियर सीटीजन, तीन चैंबर विकलांग और एक महिला के लिए आरक्षित किया गया था। जबकि ड्रा में 12 सीनियर सिटीजन, छह विकलांग और एक महिला का नाम शामिल है।

ड्रा के माध्यम से वकीलों को चैंबर का आवंटन किया जा रहा है। आवंटन प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शिता के साथ किया गया। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं हुआ।

- लोकेंद्र फौगाट, प्रधान जिला बार एसोसिएशन


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