पांच हिस्सों में बांटी जानी थी एयरफोर्स भर्ती परीक्षा फर्जीवाड़े की रकम
जागरण संवाददाता, रोहतक : सितंबर माह में हिसार रोड स्थित एकेडमी में हुए एयरफोर्स भर्ती प
जागरण संवाददाता, रोहतक : सितंबर माह में हिसार रोड स्थित एकेडमी में हुए एयरफोर्स भर्ती परीक्षा फर्जीवाड़े की साजिश लाढ़ौत रोड स्थित दीक्षा एकेडमी पर रची गई थी। अभ्यर्थियों से मिलने वाली रकम को आरोपितों में पांच बराबर हिस्सों में बांटा जाना था। इसी रकम में से 50 हजार रुपये डा. प्रमोद को दिए गए थे, जिसने अपने अस्पताल की बि¨ल्डग में आरोपितों को कमरा उपलब्ध कराया था। यह खुलासा एक लाख के इनामी संजय ने पूछताछ में किया। रिमांड के बाद संजय को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
उल्लेखनीय है कि गत 13 सितंबर को श्री कृष्णा एकेडमी में एयरफोर्स में भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा कराई गई थी। परीक्षा के दौरान एयरफोर्स के अधिकारियों ने बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा था। इसके तहत अभ्यर्थियों के कंप्यूटर पर उत्तर खुद ब खुद लिखे जा रहे थे। इस मामले में आरोपित सोमबीर, जितेंद्र सिवाच, जगबीर दहिया, आदित्य, हार्दिक और डा. प्रमोद को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं बहलबा गांव निवासी संजय गुजरात के सूरत में जाकर छिप गया था। उस पर एक लाख का इनाम रखा गया था। मामले को शांत समझ वह गत दिवस परिजनों से मिलने पहुंचा था, लेकिन सीआइए-3 की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
सीआइए-3 प्रभारी ललित यादव ने बताया कि लाढ़ोत रोड पर जितेंद्र सिवाच की दीक्षा एकेडमी थी। वहां पर संजय पुलिस भर्ती के लिए को¨चग देता था। इसी दौरान संजय और जितेंद्र के बीच दोस्ती हो गई थी। इसके बाद संजय और सोमबीर ने मिलकर हिसार रोड पर श्री कृष्णा एकेडमी खोल ली थी। जब आरोपितों को पता चला कि एयरफोर्स की भर्ती परीक्षा होनी है और इसके लिए बड़ा सेंटर चाहिए। तब उन्होंने दीक्षा एकेडमी पर ही पूरी साजिश रची थी। श्री कृष्णा एकेडमी में कंप्यूटर आदि की व्यवस्था अच्छी होने पर एयरफोर्स प्रशासन ने उसे सेंटर बना दिया था। इससे पहले ही उन्होंने अभ्यर्थियों से सांठगांठ शुरू कर दी थी। तय किया गया कि जितनी भी रकम आएगी, उसमें से खर्च निकालकर पांच भागों में बराबर बांटी जाएगी। अपोलो मल्टीसिटी अस्पताल की मंजिल पर बनाया था हैक रूम
आरोपितों ने फर्जीवाड़े के इस खेल में अपोलो मल्टीसिटी अस्पताल के डा. प्रमोद को भी शामिल कर लिया था। इसके बाद अस्पताल की पहली मंजिल पर बने एक कमरे को किराये पर लिया गया था। इसकी एवज में डा. प्रमोद को 50 हजार रुपये दिए गए थे।