सरसों की सरकारी खरीद के दावे हवा हवाई, तीसरे दिन भी खरीद नहीं
- मंडी में हर रोज सरसों लेकर पहुंच रहे किसानों को मिल रही मायूसी जागरण संवाददाता, र
- मंडी में हर रोज सरसों लेकर पहुंच रहे किसानों को मिल रही मायूसी
जागरण संवाददाता, रोहतक :
सरसों की सरकारी खरीद के दावे हवा हवाई होते नजर आ रहे हैं। सरकार की ओर से 15 मार्च से सरसों की सरकारी खरीद की घोषणा के तीसरे दिन शनिवार को भी सरसों की सरकारी खरीद नहीं हुई। जिससे मंडी में हर रोज सरसों लेकर पहुंच रहे किसानों को मायूसी मिल रही है। किसानों का कहना है कि वे मंडी में सरसों लेकर तो पहुंच रहे हैं लेकिन यहां सरसों की बोली पर कोई सरकारी कर्मचारी नहीं पहुंच रहे हैं। सरसों की बिक्री नहीं हो रही है जबकि सरकार ने 15 मार्च से बिक्री शुरू होने की घोषणा की थी। ऐसे में किसान दुविधा में फंसने लगे हैं। सरसों की सरकारी खरीद न होने पर किसानों को मजबूरन सस्ते दामों पर सरसों की बिक्री करनी पड़ सकती है जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। सरसों की खरीद में लगाई गई कई शर्तों को भी किसान सही नहीं मान रहे हैं। हालांकि एजेंसी का कहना है कि सरसों में नमी अधिक बनी हुई है जिसके चलते अभी खरीद नहीं की जा रही है और सरसों को सुखाकर लाने के लिए किसानों से कहा जा रहा है।
शर्तें हटाने के लिए किसानों ने सौंपा ज्ञापन :
उधर, सरसों की खरीद में लगाई की शर्तों के विरोध में अखिल भारतीय किसान सभा रोहतक का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिला।
किसान सभा की जिला इकाई के अध्यक्ष प्रीत ¨सह ने सरसों खरीद में लगाई गई शर्तों को हटवाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा।
जिसमें किसानों का कहना है कि सरसों खरीद के लिए जमीन की फर्द उपलब्ध करवाने की शर्त को हटाया जाए। केवल पटवारी की रिपोर्ट को मान्य किया जाए। सरसों फसल में नमी की मात्रा 8 प्रतिशत को बढ़ाकर 12 प्रतिशत किया जाए। फसल के मूल्य का भुगतान खरीद के 48 घंटे के अंदर किया जाए। प्रीत ¨सह ने बताया कि इसके बाद उनका प्रतिनिधिमंडल कृषि मंत्री ओपी धनखड़ से भी मिला और उनके समक्ष अपनी मांग रखी। उन्होंने इस दिशा में कुछ हद तक सकारात्मक कदम उठाने की बात की। किसानों का कहना है कि सरकार अभी भी किसान हितों की ओर ध्यान नहीं दे रही है। जिससे किसानों में मायूसी बनी हुई है। उन्होंने सभी मांगों को पूरा करने की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल में बलवान ¨सह, रामकिशन, जयभागवान दांगी, सूबेदार सुंद्रर ¨सह, ओमप्रकाश, खेमचंद व जगत ¨सह कारोर शामिल हुए।
मंडी में सरसों की आवक होने लगी हैं लेकिन अभी फसल में नमी अधिक है। जिस कारण खरीद नहीं कर पा रहे हैं। सरकार 8 फीसद तक नमी वाली सरसों की खरीद करेगी। किसानों से सरसों की फसल सुखाकर जाने का आह्वान किया गया है। सरकार ने खरीद शुरू कर दी है।
- एसके चौधरी, डीएम, हैफेड, रोहतक ।