दुनियाभर में 15 करोड़ से भी ज्यादा बाल मजदूर : राजबीर
रोहतक : राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण के कार्यक्रम शनिवार को अनियोि
जागरण संवाददाता, रोहतक :
राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण के कार्यक्रम शनिवार को अनियोजित क्षेत्र में मजदूरों को कानूनी सेवाएं के संबंध में निशुल्क कानूनी जागरुकता और साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर बाल मजदूरी के विषय पर पुरानी आइटीआइ ग्राउंड के लेबर चौक पर वरिष्ठ अधिवक्ता राजबीर कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि फैक्ट्री अधिनियम 1948 की धारा 2(2) में बालक को 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के रूप में परिभाषित किया गया है। बाल मजदूरी एक ऐसा कड़वा सच है। जिससे भारत ही नहीं बल्कि पूरा संसार ग्रस्त है। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में 15 करोड़ से भी ज्यादा बाल मजदूर हैं। भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश समेत कई देशों में ये बच्चे अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं। आम बच्चे जब तैयार होकर स्कूल जा रहे होते हैं, उसी वक्त लाखों बच्चे रोजी- रोटी कमाने के लिए निकल पड़ते हैं। इनमें से कई बच्चें वापिस ही नहीं लौटते। इसके साथ ही कृषि क्षेत्र में बाल मजदूरी सबसे ज्यादा देखी गई है। कृषि के अलावा कारखानों और भट्टी में भी बाल मजदूरी के रूप में बच्चों को काम करते हुए देखा जा सकता है। जोकि स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही खतरनाक है। उन्होंने बताया कि 2015-16 के एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार 14 साल से कम उम्र के 7 बच्चे, 14-18 की उम्र की बीच वाले 10 बच्चे फैक्टरी में काम करते हुए जान चली गई और इसी उम्र के लगभग 20 बच्चे खानों में काम करने के दौरान अपनी जान चली गई है। भारतीय संविधान के अनुसार बच्चों को भी वो सभी अधिकार है। इस अवसर पर पीएलवी माया देवी और विभिन्न क्षेत्रों से आए मजदूर मौजूद रहे।