घोषणा के एक साल बाद भी बॉक्सिग हॉल से अछूता मायना गांव
जागरण संवाददाता रोहतक मायना गांव के खिलाड़ी अमित पंघाल की ओर से बॉक्सिग में गोल्ड मेडल
जागरण संवाददाता, रोहतक : मायना गांव के खिलाड़ी अमित पंघाल की ओर से बॉक्सिग में गोल्ड मेडल जीतने के बाद की गई घोषणा अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। स्थिति यह है कि सरकार ने उस दौरान गांव में बॉक्सिग हॉल बनवाने की घोषणा तो कर दी, लेकिन अभी तक घोषणा धरातल पर नहीं उतर सकी है। जिससे युवा बॉक्सरों में सरकार के खिलाफ रोष व्याप्त है। गांव में अभी भी बॉक्सिग हॉल न होने के चलते युवाओं को करीब सात किलोमीटर दूर सुनारिया गांव में बॉक्सिग अकादमी में जाना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि अमित पंघाल को मेडल जीतता देखकर गांव के बच्चों में बॉक्सिग को लेकर रुझान बढ़ा है। अमित ने गोल्ड मेडल जीता था तो सरकार ने घोषणा की थी कि जल्द ही बॉक्सिग हॉल बनवा दिया जाएगा, लेकिन घोषणा केवल घोषणा तक ही सीमित रह गई। हालांकि पंचायत का कहना है कि हॉल बनाने की प्रक्रिया चल रही है। जिसके पूरा होने में अभी समय लगेगा। प्रतिभाओं को मिलेगा बढ़ावा
ग्रामीण अशोक मायना, जोगेंद्र कोच, काला व जगवीर आदि का कहना है कि गांव में बॉक्सिग हॉल बनाए जाने से यहां की खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा मिल सकेगा। गांव में करीब 400 बच्चे बॉक्सिग में रूचि रखते हैं लेकिन यहां सुविधा न होने से इस खेल से दूरी बनाने पर मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि बॉक्सिग हॉल का नाम अमित के नाम पर होना चाहिए। गांव में बॉक्सिग हॉल होने से यहां के और भी खिलाड़ी देश व प्रदेश का नाम रोशन कर सकेंगे। मायना गांव के लगभग 30 खिलाड़ी सुनारिया गांव जाते हैं। इसके लिए उनको ऑटो का किराया अलग से देना पड़ता है। वहीं आने-जाने में समय भी अधिक लगता है। बारिश होने पर खिलाड़ियों का अभ्यास भी प्रभावित होता है। गांव में ही बॉक्सिग हॉल मिलना चाहिए।
- विकास, ग्रामीण गांव में बॉक्सिग हाल बनाए जाने की घोषणा हुए भी सालभर हो चुका है। लेकिन अभी तक नई प्रतिभाओं को बॉक्सिग हाल उपलब्ध नहीं हुआ है। ऐसे में ग्रामीणों में मायूसी है। घोषणा के मुताबिक जल्द से जल्द बॉक्सिग हॉल बनाया जाना चाहिए।
- बिजेंद्र, अमित पंघाल के पिता गांव में मंदिर के पास स्पोर्ट्स हाल के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। पिछले दिनों आचार संहिता के कारण इसमें देरी हुई है। इस हाल में कोई भी खेल खेला जा सकेगा। करीब एक माह में इसके पूरा होने की उम्मीद है। इसका नाम भी अमित पंघाल के नाम पर ही कराए जाने का प्रयास रहेगा।
- दिनेश, सरपंच के प्रतिनिधि, मायना गांव