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हष्ट पुष्ट शहर के 45 फीसद लोग मोटापे और शुगर की चपेट में

पुनीत शर्मा रोहतक प्रदेश के 45 फीसद लोग मोटापे और शुगर जैसी खतरनाक बीमारियों की जकड़

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 06:03 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 06:03 PM (IST)
हष्ट पुष्ट शहर के 45 फीसद लोग मोटापे और शुगर की चपेट में
हष्ट पुष्ट शहर के 45 फीसद लोग मोटापे और शुगर की चपेट में

पुनीत शर्मा, रोहतक

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प्रदेश के 45 फीसद लोग मोटापे और शुगर जैसी खतरनाक बीमारियों की जकड़ में आ रहे हैं। पीजीआइ में पिछले एक वर्ष में जिन मरीजों की जांच की गई हैं उनमें 45 फीसद मरीजों को मोटापा जनित और शुगर की बीमारी पाई गई है। बड़ी संख्या में लोगों द्वारा खान-पान का ध्यान न रखने और पौष्टिक खाना न खाने के चलते उनकी शुगर सीमा से अधिक पाई गई है। जबकि 13 फीसद मरीजों की शुगर परहेज न करने के चलते सामान्य से अधिक स्तर पर पाई गई।

हरियाणा को यूं तो हष्ट पुष्ट लोगों का प्रदेश माना जाता है। आज की स्थिति यह है कि हरियाणा केवल नाम के लिए हष्ट पुष्ट लोगों का शहर रह गया है। पीजीआइ में उपचार के लिए आए 45 फीसद मरीज मोटापे और शुगर जैसी खतरनाक बीमारियों के चंगुल में फंस चुके हैं। पीजीआइ से मिली जानकारी के अनुसार एक वर्ष में पीजीआइ में 36458 मरीजों ने शुगर समेत अन्य बीमारियों की जांच कराई। इसमें से 16446 मरीजों में मोटापा और शुगर की बीमारी पाई गई। 13 फीसद मरीजों में शुगर का लेवल सामान्य से दो गुना अधिक तक पाया गया। बताया जा रहा है कि उक्त मरीजों द्वारा परहेज में लापरवाही बरती जा रही है, जिसके चलते शुगर का स्तर उच्च पाया गया। चिकित्सकों द्वारा उक्त मरीजों को नियमित टहलने की सलाह देने के बाद भी अमल नहीं करने के चलते स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। मोटापे के मुख्य कारण

- तनाव के कारण शरीर में एड्रीनलीन और कार्टिसोल नामक हार्मोन्स का स्तर बढ़ जाता है। इससे शरीर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है और पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है, जिससे मोटापा बढ़ता है।

- गर्भावस्था के दौरान बच्चे के विकास के कारण महिलाओं का भार बढ़ जाता है।

- हार्मोन असंतुलन महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है, क्योंकि उनमें हार्मोन असंतुलन अधिक होता है। तनाव, अनिद्रा, गर्भ निरोधक गोलियों के सेवन के कारण महिलाओं में हार्मोन्स के स्तर में तेजी से बदलाव आता है, जिस कारण पेट के आसपास चर्बी बढ़ जाती है।

- गर्भनिरोधक गोलियां, स्टेरॉयड हार्मोन, डायबिटीज, अवसाद और ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने वाली दवाओं के सेवन के चलते भी मोटापा बढ़ता है।

- कम सोने वाले लोग आवश्यकता से अधिक कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट युक्त खाने को प्राथमिकता देते हैं। जिसके चलते मोटापा बढ़ता है।

- व्यायाम और आरामदायक कार्य अधिक करने के चलते भी मोटापा बढ़ता है। आज के दौर में एसी का अधिक चलन और बढ़ते आधुनिक संसाधनों के कारण व्यक्ति शारीरिक गतिविधियों में कम हिस्सा लेते हैं। यह मोटापा बढ़ने का प्रमुख कारण है।

- मोटापे के कारण उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, कैंसर, हाइपर थायराइडिज्म कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर मोटापे के कारण होता है। मोटापे के दुष्प्रभाव

- मोटापाग्रस्त लोगों को चलने, सांस लेने और बैठने में परेशानी होती है

- शरीर में सोडियम अधिक इकट्ठा होने से रक्त का दबाव बढ़ जाता है। जो हार्ट अटैक की संभावनाओं को बढ़ाता है

- शुगर, ब्रेन स्ट्रोक और कार्डिएक अरेस्ट की संभावना बढ़ जाती है

- वजन अधिक बढ़ने से रीढ़ की हड्डी के छोटे-छोटे जोड़ों में टूट-फूट जल्दी होती है और डिस्क भी जल्दी खराब हो जाती है। कैसे करें नियंत्रण

वजन घटाने के लिए आवश्यक है कि नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा लें। साइकिलिंग, पैदल चलना भी नियमित रूप से किया जाए। सुबह के समय खाली पेट एक चम्मच शहद गर्म पानी के साथ लें। इसके अलावा नाश्ता, दोपहर और रात के खाने का समय निर्धारित कर लें। ऐसी चीजें जिनमें स्टार्च हो जैसे आलू, मटर या कॉर्न का सेवन कम करें। एक दिन में लगभग छह सौ ग्राम हरी सब्जियां खाने की कोशिश करें। उपचार के लिए आने वाले मरीजों में करीब 45 फीसद मरीज मोटापे और शुगर के शिकार हैं। इन मरीजों को नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों, आउटडोर गेम्स में भाग लेने की सलाह दी जाती है। सजगता से ही लोग मोटापे जैसी गंभीर बीमारी से बच सकते हैं। अकेले मोटापे के कारण ही लोगों को 50 से अधिक प्रकार की बीमारियां होती हैं।

डा. रोहताश यादव, निदेशक पीजीआइएमएस


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