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25-25 लाख रुपये की मांग पर अड़े परिजन, शवों को लेने से किया इन्कार, पांच बजे बनी सहमति, धर्मेंद्र का शव उठा सात बजे

जागरण संवाददाता रोहतक कच्चाबेरी रोड स्थित स्टॉर्म वाटर डिस्पोजल में हादसे का शिकार ह

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 12:44 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2019 12:44 AM (IST)
25-25 लाख रुपये की मांग पर अड़े परिजन, शवों को लेने से किया इन्कार, पांच बजे बनी सहमति, धर्मेंद्र का शव उठा सात बजे
25-25 लाख रुपये की मांग पर अड़े परिजन, शवों को लेने से किया इन्कार, पांच बजे बनी सहमति, धर्मेंद्र का शव उठा सात बजे

जागरण संवाददाता, रोहतक : कच्चाबेरी रोड स्थित स्टॉर्म वाटर डिस्पोजल में हादसे का शिकार हुए चार कर्मचारियों में से तीन मृतकों के परिजनों व स्थानीय लोगों ने बृहस्पतिवार को जमकर हंगामा किया। प्रशासन ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर 10-10 लाख रुपये मुआवजा और डीसी रेट पर नौकरी देने का आश्वासन दिया था। हालांकि परिजन और स्थानीय लोग भड़क गए। उन्होंने 25-25 लाख रुपये और पक्की नौकरी की मांग करने लगे। प्रशासन ने परिजनों को समझाने के तमाम प्रयास किए। फिर भी बात नहीं बनी तो प्रशासनिक अधिकारी वापस लौट गए। शाम करीब पांच बजे दो शव उठाए गए। जबकि एक अन्य मृतक के परिजन भड़क गए। उन्होंने आंबेडकर चौक पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। बाद में प्रशासन के समझाने पर उन्होंने भी शाम करीब सात बजे शव को उठा लिया। वहीं, कैथल के मृतक पंप ऑपरेटर के शव को उसके परिजन सुबह करीब 10 बजे ही ले गए थे। तनाव को देखते हुए दिनभर भारी पुलिस बल तैनात रहा। शाम पांच बजे रंजीत और संजय के उठाए शव

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प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद परिजन शाम करीब चार बजे तक शव उठाने को राजी नहीं हुए। ऐसे में अधिकारी फिर से शाम चार बजे के बाद सक्रिय हुए। परिजनों से वार्ता करके समझाया कि सरकार ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था। जो मुआवजा है अब उससे अधिक नहीं मिलेगा। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को समझाया गया। इसलिए शाम करीब पांच बजे पालिका कालोनी निवासी रंजीत और रायबरेली निवासी संजय का शव परिजनों को सौंपा गया। धर्मेद्र के परिजन भड़के, सात बजे शव लेने को हुए राजी

शौराकोठी निवासी मृतक धर्मेंद्र के परिजनों ने शव लेने से इन्कार कर दिया। मृतक की पत्नी नीलम अपने तीनों बच्चों कोमल, आकाश, वंश के साथ पोस्टमार्टम हाउस से निकल आए। साथ ही सास चलती देवी, परिजन व स्थानीय लोग भी साथ आ गए। इसके बाद सभी कांग्रेस भवन के बाहर धरने पर बैठ गए। मृतक की पत्नी नीलम ने मांग रखी कि उन्हें 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता व सरकारी नौकरी दी जाए। खराब आर्थिक स्थिति का हवाला दिया कि परिवार में इकलौते कमाने वाला ही चला गया। किराए के मकान में रहते हैं। दो साल पहले मृतक के पिता धर्मपाल की भी मौत हो चुकी है। बाद में सभी आंबेडकर चौक पर बैठ गए। करीब डेढ़ घंटे तक हंगामा चला। डीसी आरएस वर्मा से भी वार्ता करने जाने लगे। भारी पुलिस बल तैनात रहा। शाम सात बजे परिजन शव को उठाने के लिए तैयार हुए। कैथल के मृतक अनिल के शव को गेट पर रोका, बाद में परिजन पीछे के रास्ते से ले गए

कैथल (चंदाना गेट निवासी) के मृतक जनस्वास्थ्य विभाग के पंप ऑपरेटर अनिल सैनी का शव लेने के लिए परिजन सुबह ही पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंच गए। सुबह करीब 9.30 बजे शव को ले जाने लगे तो मृतक धर्मेंद्र और मृतक रंजीत के परिजनों ने शव ले जाने से रोक दिया। स्थानीय लोगों का तर्क था कि प्रशासन फूट डालने की कोशिश कर रहा है, एकजुट होकर सरकार के सामने मांग रखने की बात कही। हालांकि मृतक अनिल के परिजन प्रशासन की मदद से सुबह करीब 10 बजे दूसरे रास्ते से शव को ले गए। इससे शेष तीन मृतकों के परिजन भड़क गए। साथ ही पोस्टमार्टम हाउस के सामने बैठकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।

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