धान की बजाय अब फल-सब्जियां उगाएंगे जिला के 226 किसान
प्रदेश में गिरते भूल जल स्तर को बचाने के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई मेरा पानी मेरी विरासत योजना को रोहतक में बल मिला रहा है। जिला में जल संरक्षण के लिए 226 किसान आगे आएं हैं। जो इस बार धान की बजाय फल-सब्जियां उगाएंगे। इन 226 किसानों ने मेरा पानी मेरी विरासत के योजना के तहत विभाग में ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। रोहतक में अब तक 520 एकड़ में किसानों ने धान की बजाय बागवानी फसलें लगाने के लिए पंजीकरण कराया है। योजना की पैरवी करते हुए बागवानी विभाग की ओर से किसानों को जल संरक्षण के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रह है
रतन चंदेल, रोहतक :
प्रदेश में गिरते भूल जल स्तर को बचाने के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई मेरा पानी-मेरी विरासत योजना को रोहतक में बल मिला रहा है। जिला में जल संरक्षण के लिए 226 किसान आगे आएं हैं। जो इस बार धान की बजाय फल-सब्जियां उगाएंगे। इन 226 किसानों ने मेरा पानी-मेरी विरासत के योजना के तहत विभाग में ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। रोहतक में अब तक 520 एकड़ में किसानों ने धान की बजाय बागवानी फसलें लगाने के लिए पंजीकरण कराया है। योजना की पैरवी करते हुए बागवानी विभाग की ओर से किसानों को जल संरक्षण के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। विभाग की ओर से किसानों को जल संरक्षण के प्रति गांव गांव जाकर जागरूक किया जा रहा है। इस दिशा में किसानों को जागरूक करने के लिए मुहिम चलाई जा रही है। अधिकारियों का दावा है कि बागवानी फसलें लगाकर किसान धान से भी अधिक मुनाफा उठा सकते हैं। इसके लिए विभाग की ओर से किसानों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। उनका कहना है कि धान उत्पादक किसानों के लिए बागवानी करना बेहतर विकल्प है। यह विकल्प अपनाकर किसानों को मुनाफा अधिक हो सकता है। किसानों को होगा हजारों का मुनाफा
विभागीय अधिकारियों के अनुसार धान की बजाय बागवानी फसल लगाने पर सरकार की ओर से सात हजार रुपये प्रति एकड़ की राशि सीधे किसानों के खाते में भेजी जाएगी। वहीं, विभाग की ओर से भी प्रति एकड़ आठ हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा बाग लगाने पर 14 हजार रुपये तीन साल के लिए दिए जाएंगे। जिससे किसानों का मुनाफा बढ़ेगा।
मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत रोहतक में 226 किसानों ने धान की बजाय बागवानी फसल लगाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। भावी पीढ़ी के लिए जल संरक्षण की दिशा में यह योजना काफी कारगर साबित होगी।
- डा. हवा सिंह, जिला बागवानी अधिकारी, रोहतक ।