Move to Jagran APP

:::जागरण विशेष :: चाइनीज खिलौना कारोबार को मात देने के लिए तैयार हरियाणा के उद्यमी

अरुण शर्मा रोहतक चाइना के खिलौना कारोबार को पूरी तरह से मात देने के लिए धरातल पर बड

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 06:21 AM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 06:21 AM (IST)
:::जागरण विशेष :: चाइनीज खिलौना कारोबार को मात देने के लिए तैयार हरियाणा के उद्यमी
:::जागरण विशेष :: चाइनीज खिलौना कारोबार को मात देने के लिए तैयार हरियाणा के उद्यमी

अरुण शर्मा, रोहतक

loksabha election banner

चाइना के खिलौना कारोबार को पूरी तरह से मात देने के लिए धरातल पर बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। चीन सहित कई दूसरे देशों से करीब चार हजार करोड़ के खिलौने देश में पहुंचते हैं। जल्द ही शहरों में उद्यमियों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत तरीके से खिलौने तैयार करने वालों को प्रशिक्षित किया जाएगा। गांवों में रहने वाले कुंभकारों से लेकर कारपेंटरों को मुफ्त में मशीनें देने की भी तैयारी है। केंद्र सरकार अभियान पर अमल कराने के लिए 27 फरवरी से एक मार्च तक देशभर में आनलाइन माध्यम से एक जागरूकता अभियान चलाएगी।

एमएसएमई चैंबर आफ कामर्स आटोमेटिव ने स्वदेशी खिलौने तैयार करने के लिए उद्यमियों को जागरूक करने के लिए एक दिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन किया। शुक्रवार को शीला बाईपास चौक स्थित एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के सहायक निदेशक करनाल के डीके त्यागी ने शिरकत की। सहायक निदेशक त्यागी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी खिलौने तैयार करने के लिए आह्वान किया था। देश में खिलौने तैयार करने के लिए उद्यमियों के लिए माहौल तैयार करने बाहर से आने वाले खिलौनों पर 60 फीसद तक शुल्क लगाया जा चुका है। भविष्य में इसके बेहतर परिणाम भी देखने को मिलेंगे। इन्होंने योजना बताते हुए कहा कि खाद विलेज इंडस्ट्री कार्पोरेशन कुंभकारों, कारपेंटरों, हैंडीक्राफ्ट आदि को प्रशिक्षण देने के साथ ही मशीनें मुहैया कराएगा। एमएसएमई चैंबर आफ कामर्स आटोमेटिव के प्रधान संदीप मुंजाल ने बताया कि बहादुरगढ़ में खिलौनों की इकाइयां संचालित हो चुकी हैं, रोहतक के उद्यमियों ने भी खिलौने तैयार करने में दिलचस्पी दिखाई है। खिलौनों की जरूरत वाले विभागों को हिदायतें

डीके त्यागी कहते हैं कि शिक्षा विभाग को प्ले स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों व उच्च शिक्षा देने वाले संस्थानों की प्रयोगशालाओं में खिलौनों की जरूरत होती है। योजना का मकसद है कि संबंधित विभाग भी जागरूक किया जा सके। खिलौनों की खरीद से जुड़े विभागों जैसे शिक्षा विभाग, विज्ञान की प्रयोगशालाओं, एनसीईआरटी(राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद), सीबीएसई(केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड), खादी ग्रामोद्योग आदि को अभियान से जुड़ने की हिदायतें दी गई हैं। केंद्र व राज्य सरकार दे रही सब्सिडी

डीके त्यागी कहते हैं कि एक करोड़ रुपये का निवेश करने पर उद्यमी को ब्याज पर पांच फीसद की सब्सिडी मिलेगी। इसी तरह अन्य सब्सिडी 25 फीसद तक मिलेंगी। दूसरी योजना यह भी है कि उद्यमी मिलकर एक क्लस्टर(कामन फैसलिटी सेंटर) बना सकेंगे। इसमें 90 फीसद तक सरकार ग्रांट देगी। राज्य सरकार से मदद पाने के लिए कम से कम 10 उद्यमी एक क्लस्टर बना सकेंगे, सरकार पांच करोड़ तक की मदद देगी। वहीं, केंद्र सरकार के क्लस्टर में 20 या इससे अधिक उद्यमी शामिल हो सकेंगे। केंद्र सरकार से 20 करोड़ रुपये तक की मदद उद्यमी पा सकेंगे। उद्यमियों को सिर्फ 10 फीसद हिस्सा खुद की जमीन और इमारत तैयार करने में खर्च करना होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.