शहीद भगत सिंह मल्टीस्टोरी में फड़ी वालों को केबिन दिलाने का होगा फैसला, हाउस की बैठक में रखा जाएगा मामला
जागरण संवाददाता रोहतक दिल्ली गेट स्थित शहीद भगत सिंह मल्टीस्टोरी काम्प्लेक्स के हॉल में फ
जागरण संवाददाता, रोहतक : दिल्ली गेट स्थित शहीद भगत सिंह मल्टीस्टोरी काम्प्लेक्स के हॉल में फड़ी वालों को बैठाने की तैयारी है। इसी माह प्रस्तावित हाउस की बैठक में फड़ी वालों को सस्ती दरों पर केबिन मुहैया कराने पर फैसला हो सकता है। फिलहाल मल्टीस्टोरी के संचालन के लिए गठित कमेटी इस प्रकरण में फैसला लेगी।
दिल्ली गेट स्थित शहीद भगत सिंह मल्टीस्टोरी के संचालन को लेकर करीब एक साल बाद भी बाद कोई फैसला नहीं हो सका। सात करोड़ की लागत से तैयार इमारत करीब साढ़े चार साल से खाली पड़ी है। तीन साल पहले नगर निगम के अधिकारी इस इमारत के संचालन से प्रति माह डेढ़ करोड़ की आमदनी होने का आंकलन कर चुके हैं। वहीं, पूरे मामले में वार्ड-17 के पार्षद एवं सीनियर डिप्टी मेयर राजू सहगल के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी को इमारत किस मोड में संचालित किया जाए, इसे लेकर फैसला लेना था। अब कमेटी ने फैसला लिया है कि इमारत के हॉल में प्रति माह सस्ती दरों पर फड़ी वालों को केबिन उपलब्ध कराए जाएं। बीते साल अक्टूबर में यहां दूसरी बार पार्किंग का संचालन शुरू हो चुका है। खाली पड़ी दुकानों की बोली महंगी, इसलिए नहीं बिकीं
निगम के अधिकारी सात-आठ बार बोली करा चुके हैं। बोली की रकम अधिक होने के कारण दुकानें नहीं बेची जा सकीं। दो वर्षों के अंदर लगातार बोली कराईं। उन बोली के लिए प्रथम तल पर 14 दुकानें बिक्री के लिए रखीं। बोली के लिए प्रत्येक दुकान के लिए रिजर्व प्राइज 41 लाख और 25 हजार रुपये मासिक किराया था। द्वितीय तल पर 14 दुकानों के लिए 40 लाख रुपये प्रति दुकान और 22 हजार रुपये प्रति दुकान किराया रखा गया था। ऊपरी धरातल पर 114 वर्ग गज के लिए 1.25 करोड़ रुपये तय किए थे। जबकि 85 हजार रुपये मासिक किराया था। बोली के दौरान 18 कड़ी शर्तों को लेकर भी परेशानी है। बता रहे हैं कि जल्द हाउस की बैठक होगी। वर्जन
मल्टीस्टोरी को किस मोड में संचालित किया जाए, इसे लेकर एक कमेटी का गठन किया था। कोविड-2019 के चलते कमेटी में शामिल पार्षद बैठक नहीं कर सके। अब हाउस की बैठक में हम तय करेंगे कि मल्टीस्टोरी के हाल में छोटे-छोटे केबिन बनाकर फड़ी वालों के बैठने का इंतजाम कराएंगे। मासिक किराया सस्ता रखा जाए। इससे शहर के बाजारों से अतिक्रमण की समस्या भी हल होगी।
राजू सहगल, सीनियर डिप्टी मेयर, नगर निगम