21 लाख कर्ज और अंधविश्वास की बलि चढ़ गया पूरा परिवार
ललित शर्मा कलानौर एक हंसता खेलता परिवार कर्ज चुकाने की बढ़ती टेंशन और अंधविश्वास की ब
ललित शर्मा, कलानौर
एक हंसता खेलता परिवार कर्ज चुकाने की बढ़ती टेंशन और अंधविश्वास की बलि चढ़ गया। बृहस्पतिवार की सुबह गांव सुंडाना के लोगों के लिए यूं तो एक-एक आम सुबह की तरह थी, लेकिन घड़ी में आठ बजते-बजते ही पूरे गांव के लिए यह एक बुरे सपने की तरह बन गई। बिजेंद्र द्वारा अपने दोनों बच्चों और पत्नी की हत्या करने की जानकारी पूरे गांव में आग की तरह फैल गई। चंद मिनटों में ही हजारों की संख्या में लोग घटनास्थल पर एकत्रित हो गए। बिजेंद्र द्वारा जिस नृशंस तरीके से अपने बच्चों की हत्या की गई, उससे हर किसी का जेहन भर आया।
धीरे-धीरे बढ़ते कर्ज और लगातार तनाव में रहने के चलते गांव सुंडाना निवासी बिजेंद्र पुत्र कृष्ण ने अपने वंश को ही खत्म कर दिया। बताया जा रहा है कि पांचों भाइयों में बिजेंद्र तीसरे नंबर का था। उसके दोनों छोटे भाई नौकरी करते हैं, जबकि बड़े भाई गांव में ही रहकर खेती करते हैं। छोटे भाई देवेंद्र सिंह पंचायत विभाग में सचिव के पद पर तैनात है। बिजेंद्र द्वारा जिस बेरहमी से अपनी पत्नी व बच्चों की कस्सी से काटकर हत्या की गई, उससे पूरा गांव दहशत में है। बढ़ते कर्ज और अंधविश्वास ने बिजेंद्र के अंदर जो जहर भरा था, वह उसकी पत्नी और बच्चों के शव से साफ झलक रहा था। पशुओं के कमरे में जिस स्थिति में बेटी और खेतों में पत्नी व बेटे का शव पड़ा मिला, वह देखकर हर कोई विचलित हो उठा। बिजेंद्र की स्थिति के बारे में जब उसके पड़ोसी जगत, कर्मवीर, शमशेर और महेंद्र से बात की गई तो पता चला कि बिजेंद्र कभी भी किसी व्यक्ति से बातचीत नहीं करता था। वह यदाकदा ही घर से बाहर निकलता था साथ ही रास्ते में किसी व्यक्ति द्वारा नमस्कार करने पर उसका जवाब भी नहीं देता था। पड़ोसियों ने बताया कि उन्हें अंदाजा नहीं था कि एकदम गुमसुम रहने वाला बिजेंद्र इस कद्र और इतने बड़े हत्याकांड को अंजाम दे सकता था। सुसाइड नोट के तथ्य
सुसाइड नोट में बिजेंद्र ने लिखा है कि उसके दादा कहते थे कि वंश को बढ़ाने के लिए किसी एक को बलि देनी होगी, अन्यथा पूरा परिवार खत्म हो जाएगा। लिखा कि वह अपने भाइयों से बहुत प्यार करता है जिसके चलते वह किसी भी भाई के परिवार के साथ बुरा नहीं देख सकता था और उन्हें बचाने के लिए अपने परिवार की बलि दे रहा है। उसने अपने इस स्थिति को लेकर लिखा कि उसने कई बार अध्यात्म अपनाने की कोशिश की, लेकिन परिजनों ने उसका शादी कर दी और वह सफल नहीं हो सका। करीब चार वर्षों से वह गहरे तनाव की स्थिति से गुजर रहा था, जिससे उबरने की काफी कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। सुसाइड नोट के माध्यम से उसने अपने भाइयों से गुहार लगाई कि वह अपने परिवार का ख्याल रखें और मां-बाप की खूब सेवा करें। दो दिन पहले ही लिए थे एक लाख रुपये
बिजेंद्र ने सुसाइड नोट में जिक्र किया है कि उसने दो दिन पूर्व ही गांव के एक व्यक्ति से एक लाख रुपये उधार लिए थे। बताया कि वह कमरे में अलमारी में रखे हुए हैं। इसके अलावा कई अन्य लोगों से करीब 20 लाख रुपये उधार लेने का भी जिक्र किया हुआ है। एक साथ उठी चार अर्थियां तो गांव में पसरा मातम
बृहस्पतिवार की शाम पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए। जिसके बाद परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार किया। देर शाम जब घर से एक साथ चार अर्थियां उठी तो हर किसी की आंख में आंसू थे। पूरे गांव में दिन भर बिजेंद्र द्वारा अंजाम दिए गए हत्याकांड की ही चर्चा हो रही थी। लोगों का कहना था कि बिजेंद्र तनाव में तो रहता था, लेकिन इतना तनाव में था, इसका कोई अंदाजा नहीं था।