नगर निगम की टीम ने दो स्थानों पर लगाए नाके, बिना मास्क 15 पकड़े, जुर्माना
नगर निगम की टीमों ने शहर में बिना मास्क घूमने वालों पर कार्रवाई की। निगम प्रशासन की टीमों ने दो प्रमुख मार्गों पर नाके लगाकर हालात जाने। तमाम लोग बिना मास्क के मिले। हालात यह रहे कि कुछ लोग जेब में मास्क रखे हुए थे लेकिन मुंह पर नहीं लगाए हुए थे। वहीं बिना मास्क के मिलने वाले 15 लोगों पर 500-500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
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- भिवानी स्टैंड व अशोका चौक पर नगर निगम की टीम ने लगाए नाके
- बिना मास्क वालों के बहाने, याद नहीं रहा, घर के निकट जा रहे थे
- कुछ लोग तो टीम को देखकर घूमकर निकल गए, चेतावनी दी गई जागरण संवाददाता, रोहतक
नगर निगम की टीमों ने शहर में बिना मास्क घूमने वालों पर कार्रवाई की। निगम प्रशासन की टीमों ने दो प्रमुख मार्गों पर नाके लगाकर हालात जाने। तमाम लोग बिना मास्क के मिले। हालात यह रहे कि कुछ लोग जेब में मास्क रखे हुए थे, लेकिन मुंह पर नहीं लगाए हुए थे। वहीं, बिना मास्क के मिलने वाले 15 लोगों पर 500-500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
नगर निगम के आयुक्त प्रदीप गोदारा ने निगम की टीमों से वार्ता की। इसके बाद टीमों को नाके लगाने के आदेश दिए गए। नगर निगम के भूमि अधिकारी सुरेंद्र गोयल ने बताया कि टीमों के साथ पहुंचकर भिवानी स्टैंड और अशोका चौक पर नाके लगाए गए। इन प्रमुख स्थानों पर निगम की टीमों में शामिल कर्मचारियों ने बिना मास्क वालों से कारण भी पूछे। उनके नाम, पते और मोबाइल नंबर तक लिखे गए। वहीं, बाजारों में भी निगम की टीमों ने निरीक्षण किया। इस दौरान कुछ दो पहिया वाहन चालक ऐसे भी थे, जोकि टीम को देखकर घूमकर या फिर वाहन मोड़कर वापस चले गए। इनमें कई लोग बिना मास्क के थे। मैं तो बाइक के टायरों की हवा चेक कराना आया हूं ..
नगर निगम की टीम जब कार्रवाई कर रही थी तब तमाम लोगों ने खूब बहाने बनाए। बहाने भी ऐसे थे कि निगम की टीम अचंभित रह गई। एक व्यक्ति जब बिना मास्क के मिला तो बोला कि मैं तो डाक्टरों के पास जा रहा हूं। एक व्यक्ति ने बहाना बनाया कि मैं तो दवा लेने जा रहा हूं। एक व्यक्ति ने बाजार के निकट घर बताया और कहा कि बाइक के टायरों की हवा चेक कराना आया हूं। कुछ लोगों की जेब में मास्क रखे हुए थे, लेकिन टोकने के बाद ही बाद में मास्क लगाए। वर्जन
हमने शहरी क्षेत्र में किसी भी ऐसे दुकानदार का चालान नहीं काटा। हम जो भी चालान काटते हैं तो सबसे पहले दुकानदार से तसल्ली के साथ वार्ता करते हैं। पूछताछ के बाद ही चालान काटते हैं।
सुरेंद्र गोयल, भूमि अधिकारी, नगर निगम