जान दांव पर लगाकर मरीजों की देखभाल कर रहीं स्टाफ नर्स
जागरण संवाददाता रोहतक पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) के
जागरण संवाददाता, रोहतक :
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) के आइसोलेशन वार्ड में मरीजों की देखभाल के लिए स्टाफ नर्सों ने भी अपनी जान दांव पर लगाई है। कोरोना के आशंकित मरीजों के नाम पर जहां चिकित्सकों में हड़कंप मच जाता है वहीं स्टाफ नर्स न केवल आशंकित बल्कि संक्रमित मरीजों का भी बड़ी तत्परता से देखभाल कर रहीं हैं।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए इन चिकित्सक पहली पंक्ति में सामने आकर मरीजों का उपचार करने में लगे हुए हैं। चिकित्सकों के अलावा स्टाफ नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, समाजसेवी लोग भी मरीजों के उपचार में अपनी अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। चिकित्सकों के बाद मरीजों से सीधे संपर्क में रहने वाली स्टाफ नर्स भी अपनी जान को दांव पर लगाकर मरीजों का उपचार करने में लगी हुई हैं। बताया जा रहा है कि आइसोलेशन वार्ड में तीन स्टाफ नर्स अपने निर्धारित समय पर ड्यूटी के लिए पहुंच रहीं हैं। यहीं स्टाफ नर्स मरीजों को दवाओं, खाने का ध्यान रखती हैं। जबकि चिकित्सक मरीजों का हाल देखकर इधर-उधर हो जाते हैं, लेकिन स्टाफ नर्स ही हैं जो मरीजों के लिए दिन-रात मेहनत करने में लगी हुई हैं। पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डा. ओपी कालरा ने स्टाफ नर्सों की भूमिका को लेकर कहा कि स्टाफ नर्स के बिना चिकित्सक भी अधूरे हैं। इनके बिना मरीजों का उपचार करने में चिकित्सकों को सफलता नहीं मिल सकती। चिकित्सकों के साथ स्टाफ नर्स ही हैं जो सीधे भूमिका में आकर मरीजों के उपचार में जुटी हुई हैं।