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चार जिलों के 200 ट्रांसपोर्टर जुड़े थे ग्रुप में, आरटीए सचिव के नाम पर रखा था संदीप लोकेशन नाम

आरटीए (क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण) सचिव की लोकेशन शेयर करने के मामले में अहम जानकारी मिली है। रोहतक झज्जर चरखी दादरी और भिवानी जिले के ट्रांसपोर्टर के वाट्सएप ग्रुप पर आरटीए सचिव की पल-पल की लोकेशन शेयर की जा रही थी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 08:39 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 08:39 AM (IST)
चार जिलों के 200 ट्रांसपोर्टर जुड़े थे ग्रुप में, आरटीए सचिव के नाम पर रखा था संदीप लोकेशन नाम
चार जिलों के 200 ट्रांसपोर्टर जुड़े थे ग्रुप में, आरटीए सचिव के नाम पर रखा था संदीप लोकेशन नाम

विनीत तोमर, रोहतक : आरटीए (क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण) सचिव की लोकेशन शेयर करने के मामले में अहम जानकारी मिली है। रोहतक, झज्जर, चरखी दादरी और भिवानी जिले के ट्रांसपोर्टर के वाट्सएप ग्रुप पर आरटीए सचिव की पल-पल की लोकेशन शेयर की जा रही थी। आरटीए सचिव की टीम किस समय किस रूट पर है, वह वाट्सएप ग्रुप में अपडेट की जाती थी। इस ग्रुप में चार जिलों के करीब 200 से अधिक ट्रांसपोर्टर जुड़े हुए थे। खास बात यह है कि ट्रांसपोर्टरों ने आरटीए सचिव संदीप गोयत के नाम पर ही वाट्सएप ग्रुप का नाम भी संदीप लोकेशन रखा हुआ था। चार दिन पहले आरटीए टीम के शिकंजे में आए एक ट्रांसपोर्टर के मोबाइल की पड़ताल के बाद यह पर्दाफाश हुआ है। हालांकि आरोपित उस समय मौका पाकर चंगुल से निकलकर भागने में कामयाब हो गया था, जिसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। यह था मामला

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चार दिन पहले आरटीए सचिव कार्यालय में तैनात ट्रांसपोर्ट सब इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार अपनी टीम के साथ कलानौर कालेज मोड़ के पास ओवरलोड वाहनों की चेकिग कर रहे थे। इसी दौरान एक बुलेरो गाड़ी बार-बार उनके आगे पीछे चक्कर लगा रही थी। कालेज मोड़ के पास बुलेरो चालक ने उनकी गाड़ी की तरफ अपनी गाड़ी दबा दी थी, जिसका फायदा उठाकर कई ओवरलोड वाहन वहां से निकल गए थे। टीम ने आरोपित को पकड़ लिया। जिसकी पहचान भिवानी के बैंक कालोनी निवासी प्रदीप के रूप में हुई। हालांकि आरोपित उस समय वहां से फरार हो गया था, लेकिन उसका मोबाइल आरटीए टीम ने कब्जे में ले लिया था। आरोपित के खिलाफ कलानौर थाने में मामला दर्ज है। मोबाइल से हुआ पर्दाफाश

आरटीए सचिव डा. संदीप गोयत ने बताया कि मोबाइल की गहनता से पड़ताल की गई, जिसमें एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया था। इस ग्रुप में रोहतक, झज्जर, चरखी दादरी और भिवानी जिले के करीब 200 से अधिक ट्रांसपोर्टर जोड़े गए थे। आरोपितों ने वाट्सएप ग्रुप का नाम भी संदीप लोकेशन रखा हुआ था। हर दिन अलग-अलग ट्रांसपोर्टर के लोग अलग-अलग रूट पर खड़े होते थे, जबकि एक-दो व्यक्ति आरटीए सचिव कार्यालय के इर्द-गिर्द रहता था। जैसे ही आरटीए सचिव या फिर उनकी टीम गाड़ी लेकर निकलती थी तो आरोपित उसका पीछा करना शुरू कर देते थे। साथ ही ग्रुप में लोकेशन शेयर कर देते थे कि आरटीए सचिव या उनकी टीम फिलहाल किस रूट पर जा रही है। आरटीए सचिव की लोकेशन मिलते ही उस रूट पर ट्रांसपोर्टर अलर्ट हो जाते थे और ओवरलोड गाड़ियों को किसी अन्य रूट पर ले लिया जाता था। वर्जन

आरोपित के मोबाइल की गहनता से जांच की जा रही है। यह भी पता किया जा रहा था कि इस मामले में और कौन-कौन शामिल हैं। जल्दी ही आरोपितों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

- राजू सिधू, थाना प्रभारी कलानौर


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