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एक शख्स ने किया नाक में दम, दस वर्षों से एक जैसी भाषा व लिखावट में मिल रहे हैं धमकी भरे पत्र

पिछले दस वर्षों से प्रदेश के विभिन्न रेलवे स्टेशन को उड़ाने की धमकी भरे दर्जनों पत्र मिले हैं। जीआरपी का दावा है कि उक्त सभी पत्र एक जैसी राइटिंग और एक जैसी भाषा में लिखे हुए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 09:16 AM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 08:29 AM (IST)
एक शख्स ने किया नाक में दम, दस वर्षों से एक जैसी भाषा व लिखावट में मिल रहे हैं धमकी भरे पत्र
एक शख्स ने किया नाक में दम, दस वर्षों से एक जैसी भाषा व लिखावट में मिल रहे हैं धमकी भरे पत्र

जेएनएन, रोहतक। पिछले दस वर्षों से प्रदेश के विभिन्न रेलवे स्टेशन को उड़ाने की धमकी भरे दर्जनों पत्र मिल चुके हैं। जीआरपी अधिकारियों का दावा है कि उक्त सभी पत्र एक जैसी राइटिंग और एक जैसी भाषा में लिखे हुए हैं। माना जा रहा है कि पत्रों को लिखने वाला आरोपित एक ही है। वहीं, 14 सितंबर को मिले धमकी भरे पत्र के बाद जीआरपी अधिकारी विभिन्न स्तर पर जांच करने में जुटे हुए हैं।

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14 सितंबर को स्टेशन अधीक्षक को एक धमकी भरा पत्र मिला था। पत्र में आरोपित ने धमकी दी थी कि आठ अक्टूबर को देश के दर्जनों रेलवे स्टेशन समेत मंदिरों को बम से उड़ा दिया जाएगा। आरोपित ने पत्र के माध्यम से खुद को जैश ए मोहम्मद नामक आतंकी संगठन का कमांडर बताते हुए बदला लेने की धमकी दी थी।

जीआरपी ने केस दर्ज करते हुए जांच शुरू की थी। अब पता चला है कि 16 अप्रैल 2019 को कुरुक्षेत्र और अंबाला में भी इसी प्रकार का धमकी भरा पत्र मिला था, जबकि 20 मई 2019 को रुड़की रेलवे स्टेशन पर धमकी भरा पत्र मिला था। बताया जा रहा है कि वर्ष 2009 में रोहतक और भिवानी स्टेशन को उड़ाने के लिए मिले पत्र और अब तक विभिन्न जिलों में मिले धमकी भरे पत्रों की लिखावट और भाषा लगभग एक जैसी पाई गई है। उस समय भी पत्र के माध्यम से इन्हीं सब स्टेशनों को उड़ाने की धमकी दी गई थी, साथ ही मंदिरों पर हमले की भी बात कही थी।

खाकी रंग के रैपर पर स्पष्ट नहीं है पोस्ट ऑफिस की मुहर

जिस लिफाफे में धमकी भरा पत्र मिला है, वह खाकी रंग का है। इसके अलावा लिफाफे पर किसी भी पोस्ट ऑफिस की मुहर स्पष्ट नहीं आ रही है। जिसके चलते माना जा रहा है कि आरोपित ने फर्जी मुहर का इस्तेमाल किया है या फिर मुहर लगाने के दौरान कर्मचारी द्वारा ही लापरवाही बरतते हुए मुहर लगाई गई है। फिलहाल जीआरपी ने डाक लाने वाले डाकिया से भी पूछताछ की है, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका है।

डाकिये से पूछताछ में भी कोई खुलासा नहीं

जीआरपी थाना प्रभारी स्नेही राज का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। वर्षों से मिलते आ रहे धमकी भरे पत्रों की लिखावट और भाषा एक जैसी पाई गई है। जिसके चलते एक व्यक्ति द्वारा ही पत्र लिखे जाने की संभावना है। लिफाफे पर लगी मुहर भी साफ नहीं दिख रही है। डाकिया से पूछताछ में भी कोई खुलासा नहीं हुआ है। आगे की जांच जारी है।

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