छह माह पहले बिछनी थी कच्चाबेरी रोड पर पेयजल व सीवरेज की लाइन, प्रोजेक्ट हुआ लेट
रोहतक कच्चाबेरी रोड पर निर्माणाधीन एलिवेटेड रोड पर प्रोजेक्ट पर देर
जागरण संवाददाता, रोहतक : कच्चाबेरी रोड पर निर्माणाधीन एलिवेटेड रोड पर प्रोजेक्ट पर देरी से कार्य चल रहा है। फिलहाल देरी का असर यह है कि करीब 300 से अधिक दुकानदारों के साथ ही सब्जी मंडी, अनाजमंडी व रेलवे स्टेशन तक आने-जाने वालों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। प्रोजेक्ट में देरी का सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है कि सीवरेज और पेयजल आपूर्ति वाली लाइनें बिछाने में देरी हुई। वहीं, पेयजल आपूर्ति के अधिकारियों का दावा है कि पेयजल आपूर्ति की नई लाइन बिछाने का कार्य सोमवार से शुरू करा देंगे। रविवार को पाइप मौके पर रखवाने का कार्य शुरू करा दिया है।
करीब 39 करोड़ रुपये की लागत से कच्चाबेरी रोड पर एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य चल रहा है। यहां अंडरपास का निर्माण भी प्रस्तावित है, इसलिए अंडरपास के निर्माण की मांग भी उठने लगी है। प्रोजेक्ट में देरी के चलते धूल और जाम
प्रोजेक्ट में देरी का ही असर कहेंगे कि हिसार रोड, सोनीपत स्टैंड, भिवानी रोड आदि की तरफ से कच्चाबेरी रोड पर सफर करने वालों को जाम का सामना करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि यही हाल रहा तो प्रोजेक्ट में करीब छह महीने और देरी होगी। वहीं, धूल इतनी उड़ती है कि राहगीर पैदल नहीं निकल सकते। दुकानों के अंदर तक भारी धूल होती है। दुकानदारों में इस बात से रोष है कि पूरे प्रकरण में मौखिक तौर से पांच-छह बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। दूसरे जिलों के स्टोर से मंगाए लोहे के पाइप
जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि मार्च-अप्रैल के बाद कार्य होना था। हालांकि आर्डर के हिसाब से रोहतक के स्टोर में पाइप उपलब्ध नहीं थे। यहां करीब 24 इंच के लोहे के पाइप बिछाने का कार्य होगा। एलिवेटेड रोड पर पेयजल आपूर्ति की लाइन बिछने पर दूसरे कार्य होंगे। यही कारण रहा कि हरियाणा के दूसरे स्टोरों जैसे भिवानी व अन्य जिलों से पाइप मंगाए गए। अब यहां तेज गति से पेयजल आपूर्ति की लाइन बिछाने का कार्य शुरू होगा। नहीं होता है पानी का छिड़काव
कच्चाबेरी रोड संघर्ष समिति के प्रधान डा. धर्मपाल मुदगिल ने बताया है कि पानी का छिड़काव नहीं होता है। इसलिए दमा, एलर्जी जैसे रोगियों की तादाद बढ़ रही है। इन्होंने सुझाव दिया है कि लोक निर्माण विभाग, निर्माण कराने वाली एजेंसी आदि को पानी के छिड़काव के साथ ही दूसरे इंतजाम भी करने चाहिए, जिससे धूल न उड़े। एनजीटी के नियम ताक पर, धूल-धुएं से बेहाल शहर
नगर निगम के आयुक्त प्रदीप गोदारा ने 10 सितंबर को हाउस की बैठक में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी के नियमों के बारे में बताया था। उन्होंने दावा किया था कि 15 सितंबर के बाद नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। धूल, गड्ढा खोदने तक को लेकर नियम तय हैं। जनस्वास्थ्य विभाग की तरफ से ड्रेन नंबर-8 पर दूषित पानी डाले जाने पर सख्ती दिखाई थी। लोक निर्माण विभाग, एचएसवीपी को भी नियमों का पाठ पढ़ाया गया था। हालांकि अब सवाल उठ रहा है कि शहरभर में धुएं के साथ सड़कों का निर्माण हो रहा है। औद्योगिक क्षेत्रों हिसार रोड, दिल्ली रोड, खरावड़ में धुएं के गुबार उठ रहे हैं लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। वहीं, एलिवेटेड रोड के निर्माण के चलते उड़ने वाली धूल पर भी कोई कंट्रोल नहीं। यहां उड़ने वाली धूल को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि नियम यहां लागू क्यों नहीं है।
हमारे स्टोर में डिमांड के हिसाब से पाइप उपलब्ध नहीं थे। इसलिए दूसरे जिलों के स्टोर से पाइप मंगाकर साइट पर डाल दिए गए हैं। सोमवार से पेयजल आपूर्ति की लाइन बिछाने का कार्य शुरू करा देंगे। हमारी वजह से कोई प्रोजेक्ट में देरी नहीं हुई है।
भानु प्रकाश, एक्सईएन, जनस्वास्थ्य विभाग
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धूल और जाम से दुकानदार और राहगीर परेशान हैं। लोक निर्माण विभाग से हम शिकायत कर चुके हैं कि धूल से निजात दिलाएं। सुबह और शाम पानी का छिड़काव होगा। प्रोजेक्ट पर भी बेहद धीमी गति से कार्य चल रहा है। प्रशासन काम भी तेजी से कराए।
डा. धर्मपाल मुदगिल, प्रधान, कच्चाबेरी रोड संघर्ष समिति