रेलवे अफसरों की ढिलाई से अंडरपास में छूटी खामियां
रोहतक रोहतक-दिल्ली रेल मार्ग पर स्थित अंडरपास का वर्षो पहले तमाम खामियों के साथ निर्माण हुआ था। लोक निर्माण विभाग ने खामियों को लेकर रेलवे के अधिकारियों के समक्ष अपनी आपत्तियां जता दी हैं। यह भी सुझाव दिया है कि कचाबेरी रोड पर भी अंडरपास का निर्माण प्रस्तावित है।
अरुण शर्मा, रोहतक रोहतक-दिल्ली रेल मार्ग पर स्थित अंडरपास का वर्षो पहले तमाम खामियों के साथ निर्माण हुआ था। लोक निर्माण विभाग ने खामियों को लेकर रेलवे के अधिकारियों के समक्ष अपनी आपत्तियां जता दी हैं। यह भी सुझाव दिया है कि कच्चाबेरी रोड पर भी अंडरपास का निर्माण प्रस्तावित है। जब भी वहां निर्माण हो इन खामियों को न दोहराया जाए। इन बड़ी खामियों में एक तो यह है कि वाटर प्रूफिग के ठोस इंतजाम नहीं हैं। दीवारों के चारों तरफ टारफेंट (त्रिपाल जैसा) भी कई स्थानों पर नहीं है। इसलिए दीवारों से पानी रिसकर अंडरपास की मुख्य सड़क तक आता है। ये हैं बड़ी खामियां
1. वाटर प्रूफ के इंतजाम नाकाफी
लोक निर्माण विभाग के सूत्रों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश पर कुछ विशेषज्ञों ने जांच की थी। इसमें कई खामियों को लेकर रेलवे के अधिकारियों को एक बैठक में बताया जा चुका है। जब अंडरपास का निर्माण हुआ था तब दीवारों के पीछे यानी मिट्टी और दीवार के बीच में तारकोल की लेयर बिछाने का प्रावधान है। इससे पानी की लीकेज नहीं होती। तारकोल के साथ ही वाटर प्रूफ मैटेरियल जैसे टारफेंट भी लगाना चाहिए था, लेकिन यहां यह इंतजाम नाकाफी हैं। 2. अंडरपास के ऊपर लगाना चाहिए था टीनशेड
अंडरपास के अंदर बरसाती पानी का प्रवेश रोकने के लिए सबसे ऊपर टीनशेड लगाना था। हालांकि यहां ऐसा इंतजाम नहीं है। यही वजह है कि बरसाती पानी भर जाता है। दीवारों से पानी रिसकर आता है। बरसाती पानी की निकासी क लिए चैंबर बनाया गया था। आटो मोटर भी सही तरीके से यहां कार्य नहीं कर रही है। 3. जमीनी पानी का स्तर ऊपर, आपत्तियों पर नहीं किया गौर
योजना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अंडरपास के निर्माण से पहले ही जमीनी पानी 8-10 फीट ऊंचाई पर होने का ब्योरा दिया गया था। हालांकि लोक निर्माण विभाग की इस रिपोर्ट पर गौर नहीं किया गया। अंडरपास के अंदर मुख्य सड़क पर जलभराव की एक वजह जमीनी पानी से रिसाव को बताया जा रहा है। कच्चा बेरी रोड पर अंडरपास के निर्माण की मांग ने पकड़ा जोर
कच्चा बेरी रोड पर करीब 39 करोड़ रुपये की लागत से एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य चल रहा है। एलिवेटेड रोड के साथ ही अंडरपास के निर्माण की मांग ने जोर पकड़ लिया है। कच्चा बेरी रोड संघर्ष समिति के प्रधान डा. धर्मपाल मुदगिल ने कहा कि प्रशासन ने दो दिन में स्थिति स्पष्ट नहीं की तो आंदोलन की रणनीति बनाएंगे। अंडरपास बना मुसीबत, दो-ढाई फीट तक भर जाता दूषित पानी
चावला कालोनी से शुरू होने वाले अंडरपास का रास्ता श्रीनगर कालोनी तक जाता है। फिलहाल अंडरपास मुसीबतों का कारण बन गया है। यहां से शिवाजी कालोनी, पुराना हाउसिग बोर्ड, चावला कालोनी, गीता कालोनी, चिन्योट कालोनी, कमला नगर, कन्हेंली आदि के लिए यही मुख्य रास्ता है। रास्ता है। स्कूली बच्चों से लेकर बीमार, बुजुर्ग व अन्य कालोनियों के राहगीरों को परेशानी होती है। अंडरपास की मुख्य सड़क पर दो-ढाई फीट तक पानी भर जाता है। पीजीआइ में पढ़ने और नौकरी करने वालों की तादाद बहुत अधिक है। जलभराव के बीच से वाहन चालकों और दूसरे राहगीरों का निकलना रोजाना हादसों का कारण बन गया है।
हम रेलवे के अधिकारियों से लगातार शिकायत कर रहे हैं। फिर भी कोई समाधान नहीं हो सका। रेलवे के अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं।
मनोहर लाल बधवा, प्रधान, पुराना हाउसिग बोर्ड व भाजपा नेता अंडरपास से परेशानी ज्यादा हो रही है। आए दिन यहां हादसे होते हैं। कभी पानी कम हो जाता है, लेकिन स्थायी तौर से समाधान नहीं हो रहा है।
एडवोकेट अशोक कुमार जांगड़ा, स्थानीय निवासी, झज्जर चुंगी प्रशासन ने कच्चाबेरी रोड पर एलिवेटेड रोड के साथ अंडरपास का भी निर्माण कराने का आश्वासन दिया था। एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन अंडरपास को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
डा. धर्मपाल मुदगिल, प्रधान, कच्चा बेरी रोड संघर्ष समिति