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आवासीय योजना में आवेदन करने वालों के लिए नई मुसीबत, अब प्रॉपर्टी टैक्स में भी मांग रहे आवेदकों के नाम से

आवेदन करने वाली महिलाएं बोलीं टैक्स पति और बेटों के नाम से जमा हो

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 12:13 AM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 06:37 AM (IST)
आवासीय योजना में आवेदन करने वालों के लिए नई मुसीबत, अब प्रॉपर्टी टैक्स में भी मांग रहे आवेदकों के नाम से
आवासीय योजना में आवेदन करने वालों के लिए नई मुसीबत, अब प्रॉपर्टी टैक्स में भी मांग रहे आवेदकों के नाम से

फोटो संख्या : 08 - आवेदन करने वाली महिलाएं बोलीं, टैक्स पति और बेटों के नाम से जमा हो रहा

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- मलकियत से संबंधित दस्तावेजों को लेकर भी हो रही परेशानी, अफसरों से लगाई गुहार जागरण संवाददाता, रोहतक : प्रधानमंत्री आवासीय योजना के लिए आवेदन करने वालों की परेशानी दूर नहीं हो रही हैं। अब नई मुसीबत खड़ी हो गई है। जिन आवेदकों ने योजना के लिए आवेदन किए थे उन्हें प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद जमा करानी हैं। इसमें शर्त यह भी है कि जिन्होंने आवेदन किए हैं, उन्हीं के नाम से संपत्ति यानी प्रॉपर्टी टैक्स के दस्तावेज होने चाहिए। आवेदन करने वाली महिलाओं का कहना है कि प्रॉपर्टी टैक्स उनके परिवार के सदस्यों के नाम से जमा हो रहा है। उन्होंने अफसरों से इस प्रकरण में गुहार लगाई है।

बृहस्पतिवार को नगर निगम कार्यालय में योजना के लिए आवेदन करने वाली पहरावर की तमाम महिलाएं पहुंचीं। नगर निगम कार्यालय में वार्ड-10 के पार्षद राहुल देशवाल से भी इस प्रकरण में शिकायत की। यह भी कहा कि संबंधित मामले में सुनवाई नहीं हो रही है। पूरे प्रकरण में न्याय पाने की गुहार अधिकारियों से भी लगाई। यह भी कहा कि हम सभी प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने से संबंधित दस्तावेजों में बदलाव कराने आए हैं, लेकिन यहां बदलाव नहीं हो रहा है। पार्षद ने आश्वासन दिया कि समस्या क समाधान कराएंगे। नगर निगम के सिटी प्रोजेक्ट आफिसर जगदीश चंद्र से भी इस प्रकरण में वार्ता की। इस दौरान सुनीता, दर्शना, सुमन, रानी, करतारी, वीरमति, कविता, महाबीर, नीलम आदि मौजूद रहीं। 50-50 गज के जर्जर घरों में रहने में भी लगता है डर

सुमन, रानी, करतारी आदि ने बताया कि 50-50 गज के जर्जर घरों में रहने को मजबूर हैं। जर्जर घरों में रात में भी डर लगता है। यह भी बताया है कि तमाम लोगों के आवास इसी योजना में बन चुके हैं। अब हमारे ही आवेदनों में क्यों अड़चनें लगाई जा रही हैं। चेतावनी दी कि न्याय नहीं मिलेगा आंदोलन किया जाएगा। इन्हें यह भी डर है कि विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई तो हमारे आवासों का मामला अधर में लटक जाएगा। इसलिए तत्काल ही राहत दिलाने की मांग की है।

दो साल पहले शहरी क्षेत्र में सर्वे हुआ था। जिन्होंने आवासीय योजना के लिए आवेदन किए थे उन्हें मलकियत से संबंधित दस्तावेज जैसे रजिस्ट्री की कॉपी, प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने के दस्तावेज आदि जमा कराने थे। पहरावर, सुनारिया, खोखराकोट आदि में लाल डोरे की जमीन है। यहां मलकियत से संबंधित दस्तावेज लोग दिखा नहीं पा रहे हैं। सरकार को हमने पहले ही चिट्ठी लिख दी है।

जगदीश चंद्र, सिटी प्रोजेक्ट आफिसर, नगर निगम हम आवेदकों को परेशान नहीं होने देंगे। आवेदकों की समस्या जायज है। कड़ी शर्तों के कारण तमाम आवेदक आवासीय योजना का लाभ उठाने से वंचित हैं। सरकार को इस प्रकरण में राहत देनी चाहिए।

राहुल देशवाल, पार्षद, वार्ड-10


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