भगत सिंह मल्टीस्टोरी कॉम्प्लेक्स की दुकानें खरीदने नहीं पहुंचा कोई
रोहतक भगत सिंह मल्टीस्टोरी पार्किंग में दुकानों को बेचने की तैयारी शुरू हो गई है। बुधवार को पहली बार खुली बोली रखी गई। हालांकि कोई बोलीदाता पहुंचा नहीं। बोली से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी सुबह 11 बजे से शाम तीन बजे तक लोगों के पहुंचने का इंतजार करते रहे। अब निगम प्रशासन लाखों रुपये कीमती दुकानों की बिक्री के लिए 13 सितंबर की तारीख तय की गई है।
जागरण संवाददाता, रोहतक : भगत सिंह मल्टीस्टोरी पार्किंग में दुकानों को बेचने की तैयारी शुरू हो गई है। बुधवार को पहली बार खुली बोली रखी गई। हालांकि कोई बोलीदाता पहुंचा नहीं। बोली से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी सुबह 11 बजे से शाम तीन बजे तक लोगों के पहुंचने का इंतजार करते रहे। अब निगम प्रशासन लाखों रुपये कीमती दुकानों की बिक्री के लिए 13 सितंबर की तारीख तय की गई है।
खुली बोली के लिए चार सदस्यीय कमेटी में एक्सईएन मंजीत दहिया, अकाउंट्स आफिसर एसएस कालीरमण, निगम के नायब तहसीलदार नंद किशोर, एलओ आनंद मित्तल को कमेटी में शामिल किया गया था। नगर निगम कार्यालय में सुबह 10.30 बजे के बाद ही खुली बोली के लिए नायब तहसीलदार नंद किशोर, एलओ आनंद मित्तल, जेई कृष्ण दहिया, प्रमोद, सुभाष सिगला, असिस्टेंट सोमनाथ मिगलानी, शिवम वर्मा आदि पहुंच गए। बोलीदाताओं के बैठने के लिए कुर्सियों का इंतजाम किया गया था। बोली से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि शाम तक कोई आया नहीं इसलिए बोली स्थगित कर दी। सात करोड़ में तैयार हुई थी इमारत
निगम की मल्टीस्टोरी कॉम्प्लेक्स का करीब सात करोड़ में लोक निर्माण विभाग ने तीन साल पहले निर्माण कराया था। बेसमेंट में दो पहिया वाहनों की पार्किंग है। करीब 400 से अधिक वाहन खड़े किए जा सकते हैं। तिमंजिला कॉम्प्लेक्स के लिए लिफ्ट लगाई जा चुकी है। प्रत्येक तल पर एक-एक शौचालय बना हुआ है। दो-ढाई साल पहले कॉम्प्लेक्स व पार्किंग के संचालन के लिए तत्कालीन पार्षद नीरा भटनागर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करके आमदनी का आंकलन किया था। दो-ढाई साल पहले ही हमने दुकानों और पार्किंग के संचालन को लेकर ब्योरा तैयार किया था। रेट का आकलन करके नगर निगम प्रशासन को ब्योरा दे दिया था। अब गुपचुप तरीके से पूरी बोली की तैयारी थी। इसलिए न मुनादी कराई और नहीं व्यापारियों को सूचना दी गई।
नीरा भटनागर, पूर्व पार्षद बिना सूचना के बोली में कौन जाता, हमें पहले कोई जानकारी नहीं दी गई। सुनने में आया है कि बोली को लेकर रेट ज्यादा हैं और शर्तें भी कड़ी हैं।
बिट्टू सचदेवा, प्रधान, किला रोड बाजार एसोसिएशन प्रशासन को मुनादी करानी चाहिए थी। हमें कोई जानकारी नहीं थी, इसलिए कोई दुकानदार बोली में शामिल क्यों होता।
अशोक भटेजा, पूर्व प्रधान, दिल्ली रोड बाजार एसोसिएशन तल : दुकानों की संख्या : रिजर्व प्राइस (नॉन रिफंडेबल सिक्योरिटी) : मासिक किराया
1. प्रथम तल : 14 : 41 लाख रुपये प्रत्येक दुकान : 25 हजार रुपये प्रति दुकान
2. द्वितीय तल : 14 : 40 लाख रुपये प्रत्येक दुकान : 22 हजार रुपये प्रति दुकान
3. ऊपर धरातल : 114 वर्ग गज : 1.25 करोड़ : 85 हजार
खुली बोली के लिए इन शर्तों का करना होगा पालन :
1. बोली में शामिल होने से पहले दो फीसदी धरोहर राशि जमा करानी होगी। असफल बोलीदाता की रकम वापस कर दी जाएगी।
2. सफल बोलीदाताओं को नॉन रिफंडेबल सिक्योरिटी राशि समायोजित होगी, साथ ही तीन माह का किराया एडवांस में देना होगा।
3. दुकानों का किराया (स्लैब अनुसार) के अनुसार प्रति माह होगा। यह किराया प्रत्येक वर्ष 10 फीसद की दर से बढ़ाया जाएगा।
4. सफल बोलीदाता मौके पर 25 फीसद और शेष रकम इकरारनामे के समय दुकान पर कब्जे से पूर्व जमा कराएंगे।
5. यह राशि कब्जा देने से पहले बिना ब्याज निगम कार्यालय में नकद, डिमांड ड्राफ्ट से जमा करा सकेंगे।
6. दुकानों का किराया हर हाल में प्रत्येक माह की सात तारीख का अग्रिम रूप में जमा कराना होगा।
7. किराया समय पर जमा न कराने वालों को 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना होगा।
8. यह दुकानें नौ साल के किराए पर दी जाएंगी, समय की सीमा सक्षम अधिकारी घटा-बढ़ा सकते हैं।
9. बोलीदाताओं को छत नहीं मिलेगी। बोलीदाताओं को दुकानों का निर्माण करने के लिए जगह दी जाएगी।
10. दुकानों के आगे बरामदे और नगर निगम की भूमि का उपयोग नहीं कर सकेंगे।
11. किराए की राशि पर जीएसटी 18 फीसद देना होगा। दरें घटेंगी या फिर बढ़ने पर राहत दी जाएगी।
12. सफल बोलीदाता दुकानों को किसी भी सूरत में सबलेट यानी दूसरों को नहीं बेच या किराए पर नहीं देंगे।
नोट : कुल 18 शर्तें हैं।