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विभागों को भी नहीं बख्शेगी एनजीटी, 15 के बाद लगेगा मोटा जुर्माना

रोहतक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों का सख्ती से पालन होगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 06:40 AM (IST)
विभागों को भी नहीं बख्शेगी एनजीटी, 15 के बाद लगेगा मोटा जुर्माना
विभागों को भी नहीं बख्शेगी एनजीटी, 15 के बाद लगेगा मोटा जुर्माना

जागरण संवाददाता, रोहतक : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों का सख्ती से पालन होगा। 15 सितंबर के बाद आप सड़कों पर निर्माण सामग्री नहीं डाल सकेंगे। इस दौरान निरीक्षण को एनजीटी की टीम कभी भी आ सकती है। सूखा-गीले कूड़ा का निस्तारण। ई-वेस्ट, प्लास्टिक आदि के लिए तय नियमों का भी पालन करना अनिवार्य होगा। नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ मोटा जुर्माना लगाया जा सकता है। लोक निर्माण विभाग और एचएसवीपी को भी खास हिदायतें दी गई हैं। सभी पार्षदों के साथ ही जनता से डेयररियों को बाहर करने में सहयोग मांगा है।

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नगर निगम के आयुक्त प्रदीप गोदारा ने वार्ड-22 में 26 एकड़ में डेयरी कॉम्प्लेक्स के निर्माण को लेकर सहयोग मांगा। यह भी कहा कि सूखा-गीला कूड़ा अलग-अलग डालें। सिगल यूज प्लास्टिक दो अक्टूबर के बाद प्रतिबंधित होगी। एक बार फिर से कहा कि 15 सितंबर के बाद सूखा-गीला कूड़ा एक साथ नहीं लिया जाएगा। ई-वेस्ट अलग से डालना होगा। निर्माण सामग्री विभाग की हों या फिर कालोनियों के लोगों की, वह सड़कों पर नहीं डालेंगे। चीफ सेक्रेटरी के आदेशों का हवाला भी दिया कि अब सफाई कर्मचारी नहीं रखे जाएंगे। इस प्रकरण में सहयोग के लिए जल्द ही उद्योगपतियों, व्यापारियों व अन्य के साथ बैठक करेंगे। वहीं, शहर में अतिरिक्त डस्टबिन भी लगाने की बात कही। आयुक्त का दावा, फरीदाबाद में लगा था 50 लाख का जुर्माना

आयुक्त प्रदीप गोदारा ने उदाहरण दिया कि फरीदाबाद में जब मैं तैनात था उस दौरान 50 लाख रुपये का जुर्माना लगा था। यह भी कहा कि एनजीटी इतना मोटा जुर्माना लगाएगी कि जिसे भरना नगर निगम या फिर अन्य किसी विभाग के वश में नहीं होगा। इसलिए जनता, पार्षदों व विभागों से सहयोग मांगा है। एक किलो गोबर बहाने के लिए चाहिए 10 लीटर पानी

शहरी जनता से अपील कि है कि गोबर के निस्तारण, सफाई के अलावा इससे गैस या अन्य किसी भी प्रकार का प्रोजेक्ट शुरू करने का आह्वान किया है। आयुक्त ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि एक किलोग्राम गोबर बहाने के लिए करीब 10 लीटर तक पानी की जरूरत होती है। इसलिए डेयरियां शहर से बाहर होनी चाहिए। जनस्वास्थ्य विभाग को देना होगा मोटा जुर्माना, पत्र आया

नगर निगम के आयुक्त प्रदीप गोदारा ने एनजीटी की तरफ से आए एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि सड़कों पर सीवरेज की गंदगी डालने पर आपत्ति जताई गई है। यह भी कहा कि हर हाल में जनस्वास्थ्य विभाग पर एनजीटी जुर्माना लगाएगी। जुर्माने की रकम को लेकर भी एक-दो दिन में स्पष्ट हो जाएगा। इसके साथ ही ड्रेन नंबर-8 में एसटीपी से निकलने वाले दूषित पानी को यहां डालने पर एनजीटी ने आपत्ति जताई है। इस प्रकरण में जनस्वास्थ्य विभाग पर मोटा जुर्माना तय हो गया है।

एनजीटी के नियमों को तोड़ने वालों पर मोटा जुर्माना होगा। सिगल यूज प्लास्टिक दो अक्टूबर के बाद पूरी तरह से प्रतिबंधित मानी जाएगी। ई-वेस्ट व प्लास्टिक स्कूलों में दान कर दें। हमनें 73 वेंडरों को काम सौंपा है। वह घर-घर से ई-वेस्ट व प्लास्टिक लेंगे। निर्माण सामग्री के लिए सुनारिया पर गोदाम बनाया है, वहीं यह सामग्री डाली जाएगी।

प्रदीप गोदारा, आयुक्त, नगर निगम कुछ स्थानों से सफाई व्यवस्था दुरूस्त न होने की शिकायतें मिली हैं। इसलिए हमारा सुझाव है कि वार्डों को जोन में बांटकर ठेके पर सफाई व्यवस्था कराई जाए।

मनमोहन गोयल, मेयर, नगर निगम एक स्थान पर मेरे वार्ड में गड्ढे छोड़ दिए गए। उस गड्ढे में एक गोवंश की मौत हो गई। जब मैंने शिकायत की तो कह दिया कि हमें ठेकेदार की मंजूरी चाहिए। सफाई कार्य को लेकर नई कंपनी को ठेका मिलना चाहिए, अभी जिस कंपनी पर ठेका है उस कंपनी की मनमानी की शिकायतें आ रहीं हैं। अधिकारियों से फोन करते हैं तो वह शिकायतों का निस्तारण नहीं करते। फोन नंबर तक सेव नहीं किए हैं।

डिपल जैन, पार्षद, वार्ड-16 डेयरियां सिर्फ वही बाहर होंगी, जो कारोबारी कारोबार करते हैं। उन्हें यहां प्लाट दिए जएंगे।

राजू सहगल, पार्षद, वार्ड-17


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