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इस स्कूल में पढ़ते हैं 30 गांवों के विद्यार्थी, दाखिले के लिए देना होता है टेस्ट, प्राचार्य को मिलेगा स्टेट अवार्ड

जागरण संवाददाता रोहतक इस स्कूल में एक या दो नहीं बल्कि 30 गांवों के विद्यार्थी पढ़ते हैं

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 08:28 PM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 06:53 AM (IST)
इस स्कूल में पढ़ते हैं 30 गांवों के विद्यार्थी, दाखिले के लिए देना होता है टेस्ट, प्राचार्य को मिलेगा स्टेट अवार्ड
इस स्कूल में पढ़ते हैं 30 गांवों के विद्यार्थी, दाखिले के लिए देना होता है टेस्ट, प्राचार्य को मिलेगा स्टेट अवार्ड

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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इस स्कूल में एक या दो नहीं बल्कि 30 गांवों के विद्यार्थी पढ़ते हैं। इस अंग्रेजी मीडियम स्कूल में दाखिले के लिए विद्यार्थियों को टेस्ट देना होता है। टेस्ट में पास होने पर ही विद्यार्थी को स्कूल में दाखिला मिलता है। यहां हम किसी प्राइवेट स्कूल ही नहीं बल्कि रोहतक के सांघी गांव स्थित डा. सरूप सिंह राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की बात कर रहे हैं। 1788 विद्यार्थियों वाले इस सरकारी स्कूल की इस प्रकार के अनेक उपलब्धियों के चलते प्रधानाचार्य जयपाल सिंह को बृहस्पतिवार को सरकार की ओर से स्टेट अवार्ड दिया जाएगा। वहीं, राजकीय प्राथमिक स्कूल माडल टाउन की शिक्षिका प्रतिभा को भी सरकार की ओर से स्टेट अवार्ड दिया जाएगा। स्कूल में स्वच्छता और सौंदर्यकरण कर बच्चों को रुचिपरक शिक्षा दिए जाने आदि कार्यों के लिए उनको यह अवार्ड दिया जाएगा। माडल टाउन स्कूल तीन साल पहले खंड स्तर पर सौंदर्यकरण में प्रथम स्थान भी हासिल कर चुका है। यहां के स्कूल के किचन और गार्डन की अधिकारी भी सहराना करते नहीं थकते हैं। समय से पहले पहुंच जाते हैं स्कूल

करीब 100 शिक्षकों वाले सांघी स्कूल के प्रधानाचार्य जयपाल सिंह का कहना है कि स्कूल में सुविधाएं बढ़ाकर परिणाम बेहतर बनाने पर उनका हमेशा फोकस रहता है। स्कूल का परीक्षा परिणाम साल दर साल शानदार रहता है। खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी स्कूल के विद्यार्थियों ने उम्दा प्रदर्शन कर नेशनल स्तर पर मेडल जीते हैं। वहीं स्कूल में इंग्लिश लैब, मैथ लैब, अटल टिकरिग लैब, कंप्युटर लैब, रिटेल व आइटी लैब आदि के जरिए बेहतर तरीके से विद्यार्थियों की पढ़ाई कराई जाती है। यही कारण है कि इस स्कूल में आसपास के 30 गांवों से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। स्कूल के चहुंमुखी विकास के लिए वे समय से एक घंटा पहले पहुंच जाते हैं और छुट्टी के एक घंटा बाद ही स्कूल से जाते हैं ताकि हर काम का निरीक्षण खुद बेहतर रूप से कर सकें। इन्हें सब कारणों के चलते वे स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी अब तक तीन बार सम्मानित किए जा चुके हैं। अंग्रेजी मीडियम स्कूल को अब वे और भी नई उंचाईयों पर ले जाने के प्रयास में हैं। स्कूल की पूर्व छात्रा विधि ने किया नाम रोशन :

राजकीय स्कूल सांघी की पूर्व छात्रा विधि देशवाल के गीत बता मेरे यार सुदामा रै.., ने देशभर में धूम मचाई। इस गीत पर स्कूल की टीम को न केवल सराहना मिली बल्कि नेताओं व अधिकारियों ने भी सम्मानित किया। रुचि आधारित शैक्षणिक गतिविधियों पर जोर

कमल कालोनी निवासी शिक्षिका प्रतिभा का कहना है कि छह साल पहले जब वे मॉडल टाउन स्कूल में आई थी तो यहां स्कूल परिसर में गड्ढे बने हुए थे। बारिश के दिनों में यहां पानी भर जाता था। जिस कारण विद्यार्थियों व स्टाफ को काफी दिक्कतें होती थी। इतना ही नहीं रसोई भी सामान थी। उन्होंने अगुवाई करते हुए सबके सहयोग से स्कूल परिसर में मिट्टी डलवाकर गड्ढे भरवाए और यहां गार्डन तैयार कराया। इसके अलावा यहां मिड डे मील के लिए किचन भी बढि़या बनाया गया। स्कूल स्टाफ के सहयोग से की गई उनकी मेहनत रंग लाई और 2016 में इस स्कूल को खंड स्तर पर सौंदर्यकरण में प्रथम स्थान मिला। प्रतिभा का यह भी कहना है कि स्कूल नजदीक होने के कारण अकसर वे देर तक बच्चों की पढ़ाई कराती हैं। वहीं अवकाश के दिन भी जरूरत होने पर स्कूल में निर्माण आदि कार्याें की देखरेख करने जाती हैं। उनका मानना है कि बच्चों की रुचि के अनुसार ही उनको शिक्षित किया जाए तो बेहतर परिणाम निकलते है।


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