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लाल डोरे की जमीन बनी मुसीबत, नहीं हो रहे नक्शे पास

अरुण शर्मा रोहतक प्रधानमंत्री आवासीय योजना में लाल डोरे के प्लॉट वालों के लिए मुसीबत खड़

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 01:46 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 01:46 AM (IST)
लाल डोरे की जमीन बनी मुसीबत, नहीं हो रहे नक्शे पास
लाल डोरे की जमीन बनी मुसीबत, नहीं हो रहे नक्शे पास

अरुण शर्मा, रोहतक

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प्रधानमंत्री आवासीय योजना में लाल डोरे के प्लॉट वालों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। आवासीय योजना के लिए दो साल पहले ही बड़े पैमाने पर आवेदन किए गए थे। अब आवासीय योजना में लाभ पाने का वक्त आया तो नक्शे पास नहीं हो रहे। नक्शों बिना आवासीय योजना के आवासों के निर्माण शुरू करने में बड़ी अड़चन खड़ी हो गई है। अभी तक करीब चार हजार ऐसे आवेदक हैं जोकि योजना का लाभ पाने से वंचित रह गए हैं। बढ़ते हुए विरोध को देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग को पत्र भेजा गया है। सलाह मांगते हुए पूछा गया है कि आखिर किन शर्तों पर लाल डोरे के अंदर वाले प्लॉट पर आवासीय योजना के तहत आवास बनाने के लिए नक्शे पास किए जाएं। वहीं, प्रधानमंत्री आवासीय योजना(शहरी) में रोहतक, सांपला, कलानौर और महम में कुल 15401 में सभी चार श्रेणियों में करीब 9109 आवासों को डीपीआर(डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) में शामिल किया जा चुका है। दो-तीन बार शपथ-पत्र दिए, नहीं पास हो सके नक्शे

प्रधानमंत्री आवासीय योजना के लिए आवेदन के दौरान लाल डोरे के अंदर वाली जमीनों को लेकर कुछ निर्देश जारी किए गए थे। लाल डोरे के अंदर वालों के पास आवास, प्लॉट, मकानों की रजिस्ट्री नहीं थी। इसलिए संबंधित वार्ड के पार्षद से सत्यापित कराकर शपथ-पत्र दिए गए थे। दो-तीन बार लाभार्थियों ने शपथ-पत्र दिए। मार्च माह में डीपीआर की सूची में तमाम आवेदकों के नाम शामिल हो गए। नक्शे पास कराने के लिए आवेदन किए तो अड़चन सामने आ गई। फाइल लौटा दी गईं। बिना नक्शे के नहीं जारी हो सकती किस्त

निगम के सिटी प्रोजेक्ट आफिसर जगदीश चंद्र के मुताबिक, आवासीय योजना का लाभ तभी मिलेगा जब हमारे कार्यालय में सभी दस्तावेज जमा हो जाएं। नियमों का हवाला देते हुए बताया कि चार श्रेणियों में से आवेदन की जांच हुई। डीपीआर वाली लिस्ट में नाम है कि नहीं यह जांच की जाती है। इसके साथ ही नक्शा पास कराने की कॉपी साथ लगानी होती है। इनके अलावा रजिस्ट्री या फिर मालिकाना हक की कॉपी, आधार कार्ड, मतदाता पहचान-पत्र, राशन कार्ड, बैंक पास बुक की कॉपी भी साथ लगानी होती है। लाल डोरे के अंदर वाले प्लॉट, मकान, आवासों के नक्शे शपथ-पत्र के बावजूद भी पास न होने से किश्तें मिलना मुश्किल हो गया है। क्रेडिट लिक सब्सिडी स्कीम के लिए आवास बनने की शुरुआत हुई

सबसे ज्यादा आवेदन क्रेडिट लिक सब्सिडी स्कीम के तहत हुए थे। जर्जर घरों को तोड़कर नए सिरे से निर्मित कराने के लिए कुल ढाई लाख रुपये की रकम मिलेगी। एक लाख रुपये की पहली किश्त नींव भरने पर, दूसरी किश्त में भी एक लाख रुपये मिलेंगे। इसके लिए लेंटर तक निर्माण कराना होगा। तीसरी किश्त निर्माण कार्य पूरा होने पर 50 हजार रुपये की दी जाएगी। अफसरों ने दावा किया है कि इस योजना के 25 आवेदकों को पहली किश्त दी जा चुकी है। चार श्रेणियों में आवेदकों ने किए थे आवेदन

प्रधानमंत्री आवासीय योजना के लिए चार श्रेणियों में आवेदन किए गए थे। इनमें एएचपी(अर्फाेडेबल हाउस प्रोग्राम), सीएलएसएस(क्रेडिट लिक सब्सिडी स्कीम), बीएलसी(बेनीफिसरी लेड कंस्ट्रक्शन-न्यू) और बीएलसी(बेनीफिसरी लेड कंस्ट्रक्शन-एन्हांसमेंट) श्रेणियां शामिल हैं। सीएलएसएस के लिए सबसे ज्यादा आवेदन हुए। बलियाना, बोहर, सुनारिया में वंचित रह गए आवेदक

बलियाना के आवेदकों ने आवेदन किए थे। करीब 50 आवेदकों के लाल डोरे के अंदर प्लॉट, मकान होने के कारण नक्शे पास नहीं हो सके। बलियाना के अलावा बोहर, कन्हेंली, पहरावर, बोहर, गढ़ी बोहर, सुनारिया कलां, सुनारिया खुर्द आदि के आवेदक शामिल हैं। इनके अलावा कच्चा चमारिया रोड के निकट की कालोनी, खोखरा कोट क्षेत्र की कालोनियों के लोग भी परेशान हैं। -------------------

जब आवासीय योजना के आवेदन हुए थे तो उस दौरान बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार किया गया था। यदि लाल डोरे के अंदर वाली जमीन में नक्शे पास किन नियमों के तहत किए जाएंगे, इसके लिए सरकार से सलाह ली गई है। सरकार के जो भी आदेश मिलेंगे उसी के हिसाब से आगामी कार्रवाई होगी।

जगदीश चंद्र, सिटी प्रोजेक्ट आफिसर

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अकेले बलियाना के ही करीब 45-50 आवेदकों के हाल ही में नक्शे वाली फाइल पास नहीं हो सकीं। इस प्रकरण में अधिकारियों से शिकायत की गई है। शहरी क्षेत्र के दूसरे गांवों के तीन-चार हजार आवेदक आवासीय योजना से वंचित हैं।

मुकेश बलियाना, पूर्व पार्षद उपासना के प्रतिनिधि, वार्ड-10

-- यह है आवेदन से संबंधित पूरा ब्योरा ::::::::::::::::

शहर : कुल आवेदन : एएचपी : सीएलएसएस : बीएलसी : डीपीआर में कुल मंजूर

1. रोहतक : 10158 : 3325 : 180 : 1248 : 4753

2. सांपला : 1484 : 416 : 289 : 661 : 1366

3. कलानौर : 1692 : 488 : 38 : 884 : 1410

4. महम : 2067 : 663 : 92 : 325 : 1580

कुल : 15401 : 4892 : 599 : 3618 : 9109

नोट : मार्च माह में डीपीआर को मिली मंजूरी के मुताबिक। प्रधानमंत्री आवासीय योजना में यह हैं चार श्रेणियां :::::::::::::

1. एएचपी(अर्फाेडेबल हाउस प्रोग्राम) : फ्लैट से संबंधित योजना

2. सीएलएसएस(क्रेडिट लिक सब्सिडी स्कीम) : बैंक से लोन लेकर आवास की मरम्मत करवाना या फिर नया बनवाना

3. बीएलसी(बेनीफिसरी लेड कंस्ट्रक्शन-न्यू) : जर्जर आवास को बनवाना या फिर छोटे आवास का विस्तार करके बड़ा बनवाना।

4. बीएलसी(बेनीफिसरी लेड कंस्ट्रक्शन-एन्हांसमेंट) : जर्जर आवास को बनवाना या फिर छोटे आवास का विस्तार करके बड़ा बनवाना।


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