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सेक्टर-1 के हाउसिग बोर्ड में दूषित पानी की आपूर्ति, सहकारिता मंत्री तक पहुंची शिकायत, जेई सस्पेंड

जागरण संवाददाता रोहतक हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के सेक्टरों में गं

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 07:05 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 07:05 PM (IST)
सेक्टर-1 के हाउसिग बोर्ड में दूषित पानी की आपूर्ति, सहकारिता मंत्री तक पहुंची शिकायत, जेई सस्पेंड
सेक्टर-1 के हाउसिग बोर्ड में दूषित पानी की आपूर्ति, सहकारिता मंत्री तक पहुंची शिकायत, जेई सस्पेंड

जागरण संवाददाता, रोहतक : हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के सेक्टरों में गंदे पानी की आपूर्ति अभी भी जारी है। सेक्टर-1 के हाउसिग बोर्ड में गंदे पानी की आपूर्ति पिछले कई दिनों से हो रही थी। लगातार शिकायतें एचएसवीपी प्रशासक तक पहुंची। इसके साथ ही सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर तक मामला पहुंच गया। इसके बावजूद हाउसिग बोर्ड से गंदे पानी की आपूर्ति बंद नहीं हो सकी। शुक्रवार को हाउसिग बोर्ड कालोनी के लोगों ने सहकारिता मंत्री से शिकायत कर दी। मंत्री ग्रोवर ने सख्ती दिखाते हुए अफसरों से मामले में संज्ञान लेने को कहा। मामले पर संज्ञान लेते हुए एचएसवीपी के प्रशासक ने जेई को सस्पेंड कर दिया। इस कार्रवाई के बाद कर्मचारियों में रोष व्याप्त हो गया। पूरे प्रकरण में कड़ी नाराजगी जताई। साथ ही शनिवार को सुबह 11 बजे तक जेई को बहाल करने की मांग की है। निर्धारित अवधि के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। प्रशासक बोले, तीन-चार बार आदेश दिए, नहीं सुधरे हालात

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विकास प्राधिकरण के प्रशासक ने दावा किया है कि सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर के साथ दो बार हाउसिग बोर्ड में निरीक्षण करने के लिए जा चुके हैं। फिर भी दूषित पानी की आपूर्ति सेक्टर-1 के हाउसिग बोर्ड से थमी नहीं। निरीक्षण के दौरान आदेश दिए गए थे कि जिस स्थान पर लाइनों में लीकेज है वहां उन्हें दुरूस्त कराया जाए। जिससे साफ पानी की आपूर्ति हो सके। इसके अलावा भी दो-तीन बार आदेश दिए गए। लापरवाही की शिकायतें लगातार आ रही थीं। यही कारण रहा कि शुक्रवार को सुबह कार्यालय में पहुंचकर जेई राजबीर सिंह को सस्पेंड कर दिया। प्रशासक का दावा है कि कर्मचारी यूनियनों के पदाधिकारी वार्ता को आए थे, लेकिन बहाली के आदेश नहीं किए गए हैं। अधिकारियों का तर्क, हाउसिग बोर्ड में अतिक्रमण, इसलिए कार्य रहा प्रभावित

विभागीय एसई का तर्क है कि हाउसिग बोर्ड में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण है। अतिक्रमण के साथ ही पानी की लाइनों पर रैंप और सीढि़यां तक हैं। लाइनों को दुरूस्त कराने के लिए मौके पर अधिकारी गए तो लोगों ने सहयोग नहीं किया। लाइन दुरूस्त कराने के लिए रैंप और सीढि़यां तक तोड़नी पड़ेंगी। लोगों के असहयोग के चलते किन लाइनों में लीकेज थी, इसे लेकर कोई समाधान नहीं हो सका। इसलिए जेई को आदेश दिए गए हैं कि जरूरत पड़े तो पुलिस बल लेकर जाओ और कार्रवाई करो। विभागीय अधिकारी बोले, डिवीजन में सिर्फ एक जेई, सस्पेंड किया तो कौन करेगा काम

एचएसवीपी के एसई डीके आहूजा का कहना है कि यह मामला डिवीजन नंबर-1 का है। यह भी कहना है कि डिवीजन नंबर-1 में कम से कम छह से नौ जेई होने चाहिए, लेकिन यहां सिर्फ एक ही जेई है। दूसरे डिवीजन में भी सिर्फ एक जेई हैं। कुल तीन एसडीओ हैं। कम से कम 15 जेई होने चाहिए। यदि जेई को सस्पेंड कर दिया गया तो कार्य कौन देखेगा। जेई को अभी सात दिन का वक्त दिया गया है। यदि निर्धारित अवधि में कार्य पूरे नहीं किए जाते हैं को कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। सेक्टर-1 के हाउसिग बोर्ड में दूषित पानी की आपूर्ति की शिकायतें थम नहीं रहीं थीं। जेई राजबीर को तीन-चार बार आदेश दिए गए, लेकिन उन्होंने दूषित पानी की आपूर्ति रोकने में लापरवाही बरती। इसलिए जेई को सस्पेंड किया गया है। अभी बहाली के आदेश नहीं दिए हैं। कर्मचारी यूनियन से वार्ता हुई है। शनिवार को इस प्रकरण में देखेंगे कि जेई को बहाल किया जाएगा कि नहीं।

वीरेंद्र सिंह, प्रशासक, एचएसवीपी जेई को सुबह सस्पेंड किया गया था। हमारे पास सभी कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी आए थे। उन्होंने कार्रवाई का विरोध किया। इसलिए अभी जेई को सात दिन का समय दिया गया है। सात दिन के अंदर दूषित पानी की समस्या हल नहीं होगी तो कड़ी कार्रवाई करेंगे।

डीके आहूजा, एसई, एचएसवीपी हाउसिग बोर्ड में पिछले कई माह से पानी की आपूर्ति प्रभावित है। दो-तीन सप्ताह से दूषित पानी भी आ रहा था। इस प्रकरण में स्थानीय लोगों ने शिकायत की थी। मैं भी इस प्रकरण में अधिकारियों से शिकायत कर चुका हूं।

कदम सिंह अहलावत, पार्षद, वार्ड-11 सभी कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने एचएसवीपी प्रशासक और एसई को अपनी नाराजगी से अवगत करा दिया है। हमें एसई की तरफ से यही आश्वासन मिला है कि सात दिन में जेई को काम में सुधार करना है। शनिवार को सस्पेंड का आदेश वापस नहीं लिया तो कर्मचारी हड़ताल को मजबूर होंगे।

सत्यवान, स्टेट वाइस प्रेसीडेंट, कर्मचारी यूनियन, एचएसवीपी


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