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दिल्ली और यूपी के बागपत के ध्यानार्थ.. रोडवेज में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपित गिरफ्तार

जागरण संवाददाता रोहतक हरियाणा रोडवेज में परिचालक के पद पर भर्ती करने का लालच देकर

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 08:23 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 08:23 PM (IST)
दिल्ली और यूपी के बागपत के ध्यानार्थ..
रोडवेज में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपित गिरफ्तार
दिल्ली और यूपी के बागपत के ध्यानार्थ.. रोडवेज में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपित गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, रोहतक : हरियाणा रोडवेज में परिचालक के पद पर भर्ती करने का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपित पहले तो फर्जी तरीके से आवेदन कराते थे उसके बाद आवेदनकर्ताओं को फर्जी ज्वाइनिग लेटर जारी करते हुए उनसे लाखों की ठगी करते थे। गिरफ्तार दोनों आरोपितों को बृहस्पतिवार को कोर्ट में पेश करते हुए पांच दिन की रिमांड पर लिया गया है। अब आरोपितों से अन्य प्रकरण और गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में पूछताछ की जाएगी।

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गांव मागडौधी रागडान निवासी सोम कटारिया ने कलानौर पुलिस को शिकायत देकर बताया था कि कुछ युवकों ने रोडवेज में परिचालक के पद पर नौकरी लगवाने के लिए उसे फर्जी ज्वाइनिग लेटर जारी करते हुए करीब दो लाख रुपये ठग लिए थे। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था। जिसके बाद एसपी ने मामले में सीआइए वन की टीम को गिरोह के पर्दाफाश के लिए लगाया था। अब अपराध शाखा प्रथम के निरीक्षक प्रशांत कुमार ने बताया कि पीड़ित ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा निकाली गई भर्तियों के लिए आवेदन किया था। जिसके बाद आरोपितों ने पीड़ित के फोन पर कॉल करके खुद को हेडक्वार्टर में तैनात होना बताते हुए उससे दो बैंक खाते में करीब दो लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद उसने ज्वाइनिग लेटर वाट्सएप के माध्यम से भेज दिया। जांच में सामने आया कि दिल्ली के विनोद विहार निवासी दीपक डबराल ने भी ठगी करने की योजना बनाई थी। जिसके बाद बृहस्पतिवार को पुलिस ने आरोपित को दिल्ली और गिरोह के सरगना उत्तर प्रदेश के बागपत निवासी गोविद को गिरफ्तार कर लिया। कर्ज उतारने के लिए शुरू की धोखाधड़ी

जांच में सामने आया कि गोविद मुंबई में कास्टिग एजेंसी में काम करता है। कास्टिग में ज्यादा खर्चा होने व कंपनी में घाटा होने के कारण गोविद पर कर्जा हो गया। कर्जा उतारने के लिए गोविद ने धोखाधोड़ी का खेल रचा। जिसके बाद उसने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के परिचालक की भर्ती में रिजेक्ट हुए उम्मीदवारों की लिस्ट इंटरनेट के माध्यम से निकाली। लिस्ट में उम्मीदवारों के नाम, पता, संपर्क नम्बर व अन्य जानकारी उपलब्ध थी। गोविन्द ने एचएसएससी कर्मचारी बनकर संपर्क करना शुरू कर दिया तथा भर्ती कराने के लिए पैसों की मांग की। बताया जा रहा है कि आरोपितों ने करीब 50 लोगों से रुपयों की मांग की थी। गोविद का दोस्त सरपंच धोखाधड़ी करके लोगो से पैसे ठगने का काम कर चुका है। सरपंच फिलहाल भोंडसी जेल मे बंद है। गोविद के दोस्त दीपक डबराल के खाते में ठगी के पैसे आए थे। जिसके खाते में पैसे आते थे उसे 30 फीसद व बाकी 70 फीसद गोविद अपने पास रखता था। गिरफ्तार करने वाली टीम में उप निरीक्षक आजाद सिंह, सहायक उप निरीक्षक अमित दलाल, विनोद दलाल, मुख्य सिपाही मनोज, सिपाही श्रीभगवान व महावीर, साइबर सैल प्रभारी प्रवीन कुमार, मुख्य सिपाही प्रवीन, सिपाही रणजीत शामिल रहे।


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