एसिप्टोमेटिक कोविड के 10 मरीजों को किया होम आइसोलेट
कोविड 19 के संक्रमित बिना लक्षण वाले मरीजों को घर पर आइसोलेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहले दिन पीजीआइ में भर्ती एंसिप्टोमेटिक 10 मरीजों को होम आइसोलेट करने के लिए भेजा है। इससे पहले मरीजों और उनके परिजनों से पीजीआइ के चिकित्सकों द्वारा एक फॉर्म भी भरवाया है जिससे कि मानकों को पूरा करते हुए मरीजों को अन्य लोगों से अलग रखा जा सके।
कोविड 19 के संक्रमित बिना लक्षण वाले मरीजों को घर पर आइसोलेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहले दिन पीजीआइ में भर्ती एंसिप्टोमेटिक 10 मरीजों को होम आइसोलेट करने के लिए भेजा है। इससे पहले मरीजों और उनके परिजनों से पीजीआइ के चिकित्सकों द्वारा एक फॉर्म भी भरवाया है, जिससे कि मानकों को पूरा करते हुए मरीजों को अन्य लोगों से अलग रखा जा सके।
केंद्र सरकार ने कोविड संक्रमित एंसिप्टोमेटिक (बिना लक्षण वाले) मरीजों को होम आइसोलेट करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए सरकार ने गाइडलाइन भी जारी की थी और पालन करने वाले मरीजों को ही इसके लिए छूट दी थी। मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या के बीच अब पीजीआइएमएस प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बुधवार को होम आइसोलेशन की प्रकिया शुरू करते हुए दस मरीजों को होम आइसोलेट किया है। सिविल सर्जन डा. अनिल बिरला ने बताया कि होम आइसोलेशन के दौरान मरीजों को फोन में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना आवश्यक होगा। साथ ही प्रतिदिन स्वास्थ्य विभाग को अपनी सेहत के बारे में जानकारी देनी होगी। इसके अलावा मरीज को जिम्मेदारी लेनी होगी कि वह ठीक होने तक खुले में न घूमे, अन्य लोगों के संपर्क में न आए। यदि ऐसा पाया जाता है तो संबंधित मरीज को दोबारा से अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। होम आइसोलेट किए जाने वाले मरीज के घर के बाहर पोस्टर भी चस्पा किया जाएगा। जहां पर मरीज के होम आइसोलेट होने की समयावधि का जिक्र भी होगा। इस दौरान पड़ोस में रहने वाले लोगों को भी ध्यान रखना होगा कि मरीज घर से बाहर न निकले।
बुधवार को दस मरीजों को होम आइसोलेट किया गया है। अस्पताल में भर्ती बिना लक्षण वाले मरीजों को मानसिक तौर पर परेशानी झेलनी पड़ती है। जिसके चलते सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक मरीजों को होम आइसोलेट करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
डा. ध्रुव चौधरी, स्टेट नोडल ऑफिसर कोविड ट्रीटमेंट सेंटर