Move to Jagran APP

बहुत आकर्षक होता है क्रेस्टिड ग्रेब के मिलन का नृत्य

ग्रेट क्रेस्टिट ग्रेब एक जलीय पक्षी है जो ज्यादातर समय पानी में ही रहते है। ग्रेब परिवार में आकार में ये सबसे बड़े होते है। इस पक्षी का रंग रूप प्रजनन के समय बदल जाता है। गर्मियों के समय में इस पक्षी के सिर का ऊपरी व गर्दन का पिछला हिस्सा काले भूरे रंग का होता है। चेहरा व चोंच काले रंग की, सिर के दोनों तरफ, गर्दन व गले का रंग बादामी, शरीर का ऊपरी हिस्सा गहरा भूरा, बाहरी उड़ने वाले पंख हल्के पीले-भूरे रंग के, छाती व पूंछ की तरफ का हिस्सा भूरा-सफेद तथा पेट का रंग मखमली सफेद होता है। इसकी आंख की पुतली लाल रंग की होती है। सर्दियों में इसका रंग पूर्णतया बदल जाता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Jul 2018 06:47 PM (IST)Updated: Sun, 15 Jul 2018 06:47 PM (IST)
बहुत आकर्षक होता है क्रेस्टिड ग्रेब के मिलन का नृत्य
बहुत आकर्षक होता है क्रेस्टिड ग्रेब के मिलन का नृत्य

प¨रदो की दुनिया: ग्रेट क्रेस्टिट ग्रेब

loksabha election banner

परिवार पोडीसीपेडीडी

जाति: पोडीसेप्स

प्रजाति: करीस्टेट्स

लेख संकलन: सुंदर सांभरिया, ईडेन गार्डन रेवाड़ी। ग्रेट क्रेस्टिट ग्रेब एक जलीय पक्षी है, जो ज्यादातर समय पानी में ही रहते है। ग्रेब परिवार में आकार में ये सबसे बड़े होते हैं। इस पक्षी का रंग रूप प्रजनन के समय बदल जाता है। गर्मियों के समय में इस पक्षी के सिर का ऊपरी व गर्दन का पिछला हिस्सा काले भूरे रंग का होता है। चेहरा व चोंच काले रंग की, सिर के दोनों तरफ, गर्दन व गले का रंग बादामी, शरीर का ऊपरी हिस्सा गहरा भूरा, बाहरी उड़ने वाले पंख हल्के पीले-भूरे रंग के, छाती व पूंछ की तरफ का हिस्सा भूरा-सफेद तथा पेट का रंग मखमली सफेद होता है। इसकी आंख की पुतली लाल रंग की होती है। सर्दियों में इसका रंग पूर्णतया बदल जाता है। बेहतर गोताखोर है यह पक्षी

ये शर्मीले पक्षी होते हैं, जो आमतौर पर किसी की मौजूदगी देख कर पानी में तैरते हुए किनारे से दूर चले जाते है। ये पक्षी अच्छे गोताखोर हैं। अपने पंजों की सहायता से पानी में तेजी से तैरते है। पानी के नीचे तैरते हुए ही ये अपने शिकार को पकड़ते है। इस पक्षी के पंजे इसके शरीर के पिछले हिस्से में होते है। यही कारण है कि ये जमीन पर आसानी से नहीं चल सकते तथा हमेशा पानी में तैरते रहते है या छोटी उड़ान भर कर एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं।

सर्दियों के मौसम में इन्हें भारत के अलग-अलग हिस्सों में झीलों, जोहड़ों व अन्य साफ पानी की जगहों पर जोड़े या एक छोटे समूह में देखा जा सकता है। जब इन्हें कोई खतरा लगता है तो ये पानी में डुबकी लगा कर पानी में नीचे तैरते हुए काफी दूर जाकर पानी से गर्दन बाहर निकालते है। इन पक्षियों को उड़ान के आरंभ में दिक्कत होती है। शुरूआती उड़ान धीरे-धीरे होती है, बाद में ये आसानी से उड़ लेते हैं। ऐसा इनके छोटे पंखों के कारण होता है। इन पक्षियों की पूंछ भी नहीं होती। इन पक्षियों का मुख्य भोजन मछली, टेडपॉल, मेंढक व अन्य छोटे जलीय जीव होते हैं। ये पक्षी सर्दियों में रात के समय प्रवास करते हैं। चूजों को पीठ पर बैठा तैरते हैं

इस पक्षी के प्रजनन का समय मई से सितंबर तक होता है। प्रजनन के समय नर व मादा पानी की सतह पर तेजी से एक दूसरे की तरफ दौड़ते है। इस दौरान ये अपनी छाती को सामने फुला लेते हैं और गर्दन को इधर-उधर हिलाते हुए पास आते हैं। इनका यह नजारा काफी अद्भुत व आकर्षक होता है। ये पक्षी अपना घोंसला पानी के किनारे दलदली क्षेत्र में उगी हुई वनस्पति में बनाते हैं। कई बार इनके घोंसले पानी के ऊपर तैरते हुए दिखते हैं, जो किसी वनस्पति के साथ घास आदि से बंधे होते है। मादा तीन से छह अंडे देती है। नर व मादा दोनों मिलकर अंडों को सेते हैं। जब ये पक्षी अपने घोंसले से दूर होते हैं तो घोंसले केा गली-सड़ी वनस्पति से ढक देते है। ऐसा करने से इसके अंडों को गर्मी मिलती है तथा शिकारी पक्षी या जीव से बचे रहते हैं। अंडों से चूजों के बाहर निकलते ही ये अपने चूजों को अपनी पीठ पर बैठा कर पानी में तैरते हैं। इसके चूजे बहुत जल्द पानी में डुबकी लगा कर तैरने लगते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.