यहां बिना नाम की चाह हो रहा बड़ा काम
नाम का मोह बहुत कम लोग छोड़ पाते हैं।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी:
नाम का मोह बहुत कम लोग छोड़ पाते हैं। कहीं पर लोग चार पैकेट खाना वितरित करके ही खुद को सबसे बड़ा समाजसेवी साबित करने में लग जाते हैं, वहीं कुछ जगह सैकड़ों लोगों के लिए नाश्ता या खाना तैयार करके भी लोग पर्दे के पीछे ही रहना पसंद करते हैं। मॉडल टाउन स्थित राधाकृष्ण मंदिर में कुछ ऐसा ही हो रहा है। यहां पर बिना नाम की चाह के बड़ा काम हो रहा है। यहां न किसी को फोटो की चिता है न प्रचार की, बल्कि मददगारों का नाम पूछने पर खुद की बजाय दूसरे को श्रेय देने की होड़ है। इस मंदिर में खाने के लिए हर दिन कुछ नया तैयार किया जा रहा है। बृहस्पतिवार को ब्रेड पकौड़े पैक करके वितरण के लिए भेजे गए। यहां से पुलिसकर्मियों के लिए भी चाय व नाश्ते की व्यवस्था हो रही है। समाजसेवी खुद इसकी चिता कर रहे हैं।
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पूर्वांचल के लोग संभाल रहे रसोई
रसोई तैयार करने का जिम्मा पूर्वांचल के लोगों के पास है। मंदिर परिसर में मौजूद सावन कृपाल रूहानी मिशन के भाई छोटे जी व पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव ने बताया कि पूर्वांचल सेवा समिति के पदाधिकारी यहां भोजन तैयार करते हैं और नियमित रूप से कुछ झुग्गियों तक यहां
से खाना भिजवाया जा रहा है। भोजन में विविधता बनी रहे इसका प्रयास रहता है। यहां पर कई समाजसेवी सहयोग दे रहे हैं। किसी व्यक्ति विशेष का नाम लिया जाना उचित नहीं है। सहयोग करने वालों में अधिकांश लोग ऐसे हैं, जो अपने नाम का प्रचार नहीं चाहते।
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शांति लोक व ईडन गार्डन सोसायटी के सराहनीय प्रयास
सेवा की कड़ी में मनचंदा सोसायटी के नाम से चर्चित ईडन गार्डन व शांतिलोक सोसायटी के प्रयास भी सराहनीय है। ईडन गार्डन में हर घर से रोटियां भी एकत्रित की जा रही है। शांतिलोक में सैकड़ों लोगों का खाना प्रतिदिन बन रहा है। शहर की ऐसी डेढ़ दर्जन से अधिक सामाजिक संस्थाएं और भी हैं, जो यहां जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए उन आश्रय स्थलों में प्रतिदिन खाना पहुंचा रही है, जहां पूर्वांचल व अन्य राज्यों के लोग रह रहे हैं। इनमें सहयोग देने वाले अधिकांश समाजसेवी पर्दे के पीछे हैं।