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कानूनी सलाह के बाद तय होगा आरक्षण

वार्ड आरक्षित करने को लेकर पंचकुला में आयोजित हुई तदर्थ समिति व शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों के बीच बैठक किसी निर्णय तक नहीं पहुंची। बैठक में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वार्डों की संख्या बढ़ाने को लेकर बहस छिड़ गई। तदर्थ समिति सदस्यों ने अधिकारियों के समक्ष अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वार्डों की संख्या 5 से बढ़ाकर 6 करने की मांग रखी। समिति सदस्यों ने कहा कि इस संबंध में उच्च न्यायालय की तरफ से भी निर्देश दिए जा चुके हैं। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के सहायक निदेशक रणबीर पराशर ने कहा कि इस संबंध में कानूनी राय लेने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद बैठक को स्थगित कर दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Feb 2019 07:06 PM (IST)Updated: Mon, 25 Feb 2019 07:06 PM (IST)
कानूनी सलाह के बाद तय होगा आरक्षण
कानूनी सलाह के बाद तय होगा आरक्षण

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : वार्ड आरक्षित करने को लेकर पंचकुला में आयोजित हुई तदर्थ समिति व शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों के बीच बैठक किसी निर्णय तक नहीं पहुंची। बैठक में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वार्डों की संख्या बढ़ाने को लेकर बहस छिड़ गई। तदर्थ समिति सदस्यों ने अधिकारियों के समक्ष अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वार्डों की संख्या 5 से बढ़ाकर 6 करने की मांग रखी। समिति सदस्यों ने कहा कि इस संबंध में उच्च न्यायालय की तरफ से भी निर्देश दिए जा चुके हैं। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के सहायक निदेशक रणबीर पराशर ने कहा कि इस संबंध में कानूनी राय लेने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद बैठक को स्थगित कर दिया गया। पांचों सदस्य व नप अधिकारी पहुंचे बैठक में

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उच्च न्यायालय के पुरानी वार्डबंदी से ही चुनाव कराने के आदेशों के बाद शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। नगर परिषद चुनावों की पहली सीढ़ी के तौर पर वार्ड आरक्षण को लेकर सोमवार को पंचकुला में बैठक रखी गई थी। बैठक में भाग लेने के लिए तदर्थ समिति के सदस्यों के तौर पर पूर्व प्रधान शकुंतला भांडोरिया, पूर्व प्रधान विजय राव, पूर्व पार्षद पूनम सतीजा, गुरदयाल नंबरदार व विनय यादव, नगर परिषद के ईओ मनोज यादव, एमई अंकित, बिल्डिंग इंस्पेक्टर सोहन ¨सह व उपायुक्त प्रतिनिधि के तौर पर एमई अजय सिक्का ने हिस्सा लिया। बैठक में तदर्थ समिति सदस्यों ने कहा कि पिछली बार पांच वार्ड ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किए गए थे, लेकिन आबादी के अनुसार कम से कम 6 वार्ड आरक्षित होने चाहिए। इस बाबत न्यायालय का भी निर्णय आ चुका है तथा नप के स्तर पर भी रिपोर्ट दी जा चुकी है। बाद में निर्णय लिया गया कि इस मामले में कानूनी राय ली जाएगी। अगली बैठक में हो सकता है आरक्षित वार्डों का निर्धारण

फिलहाल अगली बैठक की तिथि नहीं दी गई है। उम्मीद है कि अगली बैठक में जनसंख्या की प्रतिशतता के हिसाब से अनुसूचित व पिछड़ा वर्ग के वार्ड आरक्षित किए जाएंगे तथा रोटेशन के आधार पर महिलाओं के वार्ड भी आरक्षित किए जाएंगे। पिछड़ा वर्ग के लिए इस बार भी पहले की ही भांति दो वार्ड आरक्षित किए जाएंगे। इसके साथ ही महिलाओं के लिए पिछली बार 11 वार्ड आरक्षित थे, जिनमें से 2 अनुसूचित जाति महिला के लिए थे। इस बार भी महिला आरक्षित वार्डों की संख्या इतनी ही रहेगी, लेकिन रोटेशन बदल जाएगा। महिलाओं के लिए जो वार्ड पिछली बार आरक्षित थे वे गैर आरक्षित हो जाएंगे तथा पिछली बार सामान्य रहे वार्डों को महिला आरक्षित किया जाएगा। पिछली बार वार्ड संख्या 6, 7, 8, 11, 15, 17, 19, 21 व 31 महिलाओं के लिए तथा वार्ड संख्या 24 व 28 अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित थे। वहीं वार्ड संख्या 3, 27 व 30 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थे, जिन पर पुरुष व महिला कोई भी चुनाव लड़ सकते थे। वहीं पिछड़ा वर्ग के लिए वार्ड संख्या 5 और 20 रिजर्व थे।


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