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अधूरा नाला, पत्राचार में फंसा विभाग, डूबेगा बाजार

मानसून में लगातार बारिश हुई तो शहर के बाजारों को जलमग्न होने से कोई नहीं रोक सकता। नगर परिषद की ओर से शुरू किया गया नाले का निर्माण कार्य आजतक भी पूरा नहीं हो पाया है। रेलवे रोड पर नाले का निर्माण इसलिए नहीं हो पा रहा क्योंकि यहां छह दुकानदारों द्वारा नोटिस जारी करने के बावजूद भी अपना अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 06:47 PM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 06:47 PM (IST)
अधूरा नाला, पत्राचार में फंसा विभाग, डूबेगा बाजार
अधूरा नाला, पत्राचार में फंसा विभाग, डूबेगा बाजार

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: मानसून में लगातार बारिश हुई तो शहर के बाजारों को जलमग्न होने से कोई नहीं रोक सकता। नगर परिषद की ओर से शुरू किया गया नाले का निर्माण कार्य आजतक भी पूरा नहीं हो पाया है। रेलवे रोड पर नाले का निर्माण इसलिए नहीं हो पा रहा क्योंकि यहां छह दुकानदारों द्वारा नोटिस जारी करने के बावजूद भी अपना अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है।

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नगर परिषद की ओर से खुद अतिक्रमण हटाया जाएगा, लेकिन दो माह से ड्यूटी मजिस्ट्रेट नहीं मिल रहा है। ड्यूटी मजिस्ट्रेट को लेकर उपायुक्त की तरफ से जिला नगरायुक्त से जवाब मांगा गया है और नगरायुक्त ने नप अधिकारियों से लिखित में जानकारी मांगी है। इसी पत्राचार में न ड्यूटी मजिस्ट्रेट मिल रहा है, न अतिक्रमण हट रहा है और न ही नाले का निर्माण पूरा हो पा रहा है। नवंबर में शुरू हुआ था काम, आजतक पूरा नहीं हुआ: नगर परिषद की चेयरपर्सन पूनम यादव द्वारा 29 नवंबर 2021 को शहर के बाजारों में नाला निर्माण कार्य की शुरुआत कराई गई थी। उम्मीद थी कि तीन से चार महीनों में नाला बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा, लेकिन ऐसा आजतक भी नहीं हो पाया है। दो बार नाले का काम अधूरा छोड़ा जा चुका है। इससे पूर्व होली के निकट एक माह तक काम बंद था और अब दो माह से काम बंद चल रहा है। इसका खामियाजा बाजार के दुकानदारों को भुगतना पड़ रहा है। सर्दी में हुई बारिश के दौरान नाला खोदाई के कारण पानी कई दुकानों में घुस गया था। अब नाले को अधूरा छोड़े जाने से हालात फिर से ऐसे ही बनते जा रहे हैं। शहर के मुख्य बाजार में घंटेश्वर मंदिर के निकट और इधर रेलवे रोड की तरफ नाले का काम अधूरा ही पड़ा हुआ है। छह दुकानदार नहीं हटा रहे अतिक्रमण: रेलवे रोड पर छह ऐसी दुकानें है जिनको टीनशेड डालकर चलाया जा रहा है। यह दुकानें उस समय की है जब तहबाजारी चलती थी और इन दुकानों के आगे टीनशेड लगाकर तहबाजारी के लिए जगह दी गई थी। अब तहबाजारी खत्म हो चुकी है, लेकिन आजतक भी नगर परिषद ने इनको हटाने के लिए गंभीरता नहीं दिखाई है। हर बार कोर्ट केस का बहाना बनाकर अधिकारी मामले को टाल जाते हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। नाले को सीधा बनाने में ये दुकानें ही आड़े आ रही हैं। इन दुकानदारों को नप की तरफ से नोटिस दिया गया था कि अपना अवैध कब्जा हटा लें लेकिन दुकानदारों की ऐसी मजबूत पहुंच है कि न तो उन्होंने खुद आजतक अपना कब्जा हटाया है और न ही नप को हटाने दे रहे हैं। बारिश हुई तो नप के खिलाफ खड़ा नजर आएगा बाजार: नाला अगर इसी हालत में पड़ा रहा और मानसून शुरू हो गया तो वह दिन दूर नहीं जब बाजार के व्यापारी सड़क पर आकर नप अधिकारियों पर अपना गुस्सा उतारेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि बरसाती नाले को लेकर ज्यादातर बाजारों में खोदाई व चिनाई हो चुकी है, लेकिन निकासी कहीं नहीं दी गई है। ऐसे में बारिश का पानी नालों में भरकर ओवरफ्लो हो सीधे दुकानों में घुसेगा। नाला ऊंचा है और बाजार की ज्यादातर दुकानें नीचे पड़ गई है। नाले में पानी भरा तो दुकानों का बचना मुश्किल है। नप की ओर से अतिक्रमण हटाने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट मांगा गया था। उपायुक्त ने सारी जिम्मेदारी मुझे दी है तथा मुझसे रिपोर्ट मांगी है। मैंने दुकानों के बारे में पूरी डिटेल के लिए नप ईओ को कहा था। उन्होंने अभी तक लिखित में मुझे जवाब नहीं दिया है। मैं सभी दुकानों की फोटो और कागजात मंगा रहा हूं। एक दो दिन में ही समाधान हो जाएगा।

-भारत भूषण गोगिया, जिला नगरायुक्त


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