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यम से बचाए नियम: जानलेवा है यातायात नियमों की अनदेखी

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: सड़क हादसों का सबसे बड़ा कारण यातायात नियमों की अवहेलना है। सड़क पर वाहन चलाते समय यातयात नियमों को तोड़ने वाले न केवल अपनी जान जोखिम में डालते है, अपितु दूसरों के जीवन से भी खिलवाड़ करते है। जिला में हर साल होने वाले सड़क हादसों का यह आंकड़ा हैरान करने वाला है। लेकिन जरूरी है कि इन आंकड़ों को देखकर न सिर्फ आम आदमी सबक ले बल्कि प्रशासन भी सड़क के सफर को सुरक्षित

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 06:15 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 06:15 PM (IST)
यम से बचाए नियम: जानलेवा है यातायात नियमों की अनदेखी
यम से बचाए नियम: जानलेवा है यातायात नियमों की अनदेखी

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी:

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सड़क हादसों का सबसे बड़ा कारण यातायात नियमों की अवहेलना है। सड़क पर वाहन चलाते समय यातायात नियमों को तोड़ने वाले न केवल अपनी जान जोखिम में डालते हैं, अपितु दूसरों के जीवन से भी खिलवाड़ करते हैं। जिला में हर साल होने वाले सड़क हादसों का यह आंकड़ा हैरान करने वाला है। लेकिन जरूरी है कि इन आंकड़ों को देखकर न सिर्फ आम आदमी सबक ले बल्कि प्रशासन भी सड़क के सफर को सुरक्षित बनाने के लिए उचित कदम उठाए। बीते 11 माह में 466 सड़क हादसों में 241 लोगों की मौत हो चुकी है तथा 336 लोग घायल हुए है, जिनमें से कई जीवनभर चल फिर नहीं सकेंगे।

हादसों से नहीं ले रहे सबक:

सड़क हादसों में प्रति वर्ष सैकड़ों लोग जान गंवा देते हैं। प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद सड़क हादसों में मरने वालों का आंकड़ा कम होने की बजाय हर वर्ष बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2016 में सड़क दुर्घटना में 631 व्यक्ति घायल हुए थे तथा 281 लोगों की दुर्घटना में मौत हो गई थी। वर्ष 2017 में 553 लोग घायल हुए तथा 289 की मृत्यु हो गई थी। प्रशासन की ओर से यातायात नियम तोड़ने वालों के खिलाफ जीरो टोलरेंस अभियान भी चलाया जा रहा है, लेकिन फिर भी असर नजर नहीं आ रहा। हादसों का सबसे बड़ा कारण चालक को नींद आना व गलत ओवरटेक है। जैसे ही चालक को झपकी आती है तो वाहन चलाने की एकाग्रता और सावधानी बिल्कुल जीरो स्तर पर चली जाती है। अगर चालक कम नींद आप लेते हैं तो फिर गाड़ी चलाते समय आपके साथ हादसा होना कोई बड़ी बात नहीं है। जल्दी पहुंचने के लिए चालक कई बार गाड़ी ओवरटेक करने की कोशिश करते हैं जो खतरनाक है।

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यातायात नियमों का करें पालन:

-अत्यधिक हॉर्न का प्रयोग न करें। हॉर्न का ज्यादा प्रयोग करने से आगे वाला चालक दबाव में आता है जिससे हादसा हो सकता है।

-यू टर्न लेने से पहले वाहन को सड़क किनारे पर रोकें और पीछे ट्रैफिक अच्छी तरह देख कर ही यू-टर्न लें ताकि हादसा न हो।

-सड़क पर वाहनों की गति सीमा लिखी होती है। इससे ज्यादा गति से वाहन नहीं चलाएं। अधिक गति से वाहन चलाना खतरनाक हो सकता है।

-वाहन को मोड़ते समय इंडिकेटर या हाथ से सिग्नल अवश्य दें। बिना इंडिकेटर या सिग्नल दिए अचानक वाहन मोड़ने से हादसा होने की संभावना बढ़ जाती है।

-अपनी लेन में ही चले। बार-बार लेन बदलने से दूसरे वाहन चालकों को परेशानी तो होती ही है, हादसा भी हो सकता है।

-सड़कों पर लगे ट्रैफिक संकेतकों को अच्छी तरह पढ़े तथा उन्हें फॉलो करें। ट्रैफिक संकेतक सुरक्षित सफर के लिए ही लगाए जाते हैं।

-शराब पीकर वाहन नहीं चलाएं तथा क्षमता से अधिक भार वाहन में नहीं रखें।

-वाहन चलाते समय सीट बेल्ट व दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का अवश्य लगाएं।

-वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग न करें।


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