जंगली जानवर ने किया बकरियों का शिकार
क्षेत्र के गांव बलवाड़ी में पालतु पशुओं पर बार-बार जंगली जानवर द्वारा हमला किए जाने का सिलसिला जारी है। कुछ दिनों के बाद फिर से जंगली जानवर ने गांव में दस्तक दी है। रविवार की रात को अज्ञात जंगली जानवर ने एक पशुपालक के बाड़े बंधी बकरियों पर हमला कर दिया। हमले में तीन बकरियां मर गई तथा सात गंभीर रूप से घायल हो गई। सोमवार की सुबह बकरियों के बारे में पता लगा, जिसके बाद पुलिस को सूचित किया गया। जंगली जानवर के बार-बार पशुओं पर किए जा रहे हमले से ग्रामीणों में दहशत है तथा जंगली जानवर के पकड़े नहीं जाने से रोष भी है।
संवाद सहयोगी, कुंड : गांव बलवाड़ी में पालतु पशुओं पर बार-बार जंगली जानवर द्वारा हमला किए जाने का सिलसिला जारी है। जंगली जानवर ने अब फिर गांव में दस्तक दी है। रविवार रात को जानवर ने एक पशुपालक के बाड़े में बंधी बकरियों पर हमला कर दिया। हमले में तीन बकरियां मर गई और सात गंभीर रूप से घायल हो गई। सोमवार की सुबह बकरियों के बारे में पता लगा, जिसके बाद पुलिस को सूचित किया गया। जंगली जानवर के बार-बार पशुओं पर किए जा रहे हमले से ग्रामीणों में दहशत है।
गांव बलवाड़ी निवासी अमर ¨सह बकरी पालन का काम करते हैं। उन्होंने रविवार की रात अपने बाड़े में बकरियों को बांधा हुआ था। सोमवार की सुबह वे बाड़े पहुंचे तो दस बकरियां लहूलुहान हालत में पड़ी हुई थी। जांच करने पर तीन बकरियां मरी हुई मिली तथा सात बकरियां गंभीर रूप से घायल थी। मौके पर किसी जानवर के पंजों के निशान भी मिले हैं। सूचना पर खोल थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। सभी बकरियों की गर्दन पर हमला कर शिकार बनाया गया है।
जंगली जानवर द्वारा बलवाड़ी में पहले भी बकरियों पर हमला किया जा चुका है। अरावली की पहाड़ियों से आने वाले अज्ञात जानवर द्वारा 13 अक्टूबर की रात को बलवाड़ी निवासी बकरी पालक जयप्रकाश की 25 बकरियों को मार दिया गया था तथा 7 बकरियों को घायल कर दिया था। इसके बाद इन सात बकरियों की भी मौत हो गई। इससे पूर्व 12 अक्टूबर की रात को गांव निवासी अमर ¨सह के बाड़े में इसी प्रकार 6 बकरियों को मार दिया था। 20 अक्टूबर को जयप्रकाश के बाड़े में एक मेमने को मार दिया था तथा दो बकरियों को घायल कर दिया था। जंगली जानवर तीन माह में 50 बकरियों को अपना शिकार बना चुका है।
अक्टूबर में बकरियों पर लगातार हमले होने के बाद वन विभाग द्वारा गांव में बाड़े के पास ¨पजरा लगाया था। ग्रामीणों द्वारा रात में ठिकरी पहरा भी शुरू किया गया था, परंतु जानवर गिरफ्त में नहीं आया था।