लाइन में लगे थे डीसी, कर्मचारी मारता रहा दोस्त से गप्पे, ट्रांसफर
सुबह के 10 बजे थे। उपायुक्त यशेंद्र सिंह अपने कैंप हाउस से पैदल ही सचिवालय आने के लिए चल दिए। उपायुक्त जैसे ही सचिवालय पहुंचे यहां गेट के नजदीक ही बने सरल केंद्र में लंबी-लंबी लाइनें लगी थी। एक साधारण व्यक्ति की तरह वे भी लाइन में जाकर खड़े हो गए।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : सुबह के 10 बजे थे। उपायुक्त यशेंद्र सिंह अपने कैंप हाउस से पैदल ही सचिवालय आने के लिए चल दिए। उपायुक्त जैसे ही सचिवालय पहुंचे, यहां गेट के नजदीक ही बने सरल केंद्र में लंबी-लंबी लाइनें लगी थीं। भीड़ अधिक देखकर वे रुक गए। गनमैन को बाहर ही छोड़ा तथा खुद सरल केंद्र के भीतर चले गए। एक साधारण व्यक्ति की तरह वे भी लाइन में जाकर खड़े हो गए। लाइन में लगे एक दो लोगों से पूछा कि टोकन मिलने में कितना समय लग रहा है। लोगों ने बताया कि टोकन ठीक तरीके से मिल रहे हैं। इसके बाद उपायुक्त दूसरी लाइन में लग गए। इस लाइन में लोग काफी देर से खड़े थे, लेकिन सीट पर बैठा कर्मचारी साथ बैठे व्यक्ति से गप्पे मारने में व्यस्त था। कर्मचारी को पब्लिक की जैसे कोई चिता ही नहीं थी। लोगों से बातचीत करने के बाद उपायुक्त खुद लाइन से निकलकर आगे गए और कर्मचारी सुनील से काम के समय बातचीत करने का कारण पूछा। खुद उपायुक्त को सामने देखकर सरल केंद्र में कार्यरत कर्मचारियों के तो जैसे पैरों तले से जमीन ही खिसक गई। उपायुक्त ने कर्मचारी सुनील के साथ बैठे युवक से परिचय जाना तो उसने खुद को सुनील का दोस्त बताया। उपायुक्त ने कर्मचारी सुनील को कहा कि गपशप वे छुट्टी होने के बाद मारें, यह काम का टाइम है, पब्लिक लाइन में खड़ी है। उपायुक्त इतने नाराज हुए कि एक बार तो कर्मचारी को टर्मिनेट करने के लिए कहा, लेकिन बाद में उसका ट्रांसफर बावल कर दिया। उपायुक्त के इस निरीक्षण के बाद सचिवालय में स्थित अन्य कार्यालयों में भी कर्मचारियों के कान खड़े हो गए। इसका असर बुधवार को सचिवालय के दफ्तरों में नजर आया।
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जनता के काम हर कर्मचारी को प्राथमिकता के तौर पर लेने चाहिए। अगर पब्लिक डिलींग सीट पर बैठे हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। मैं समय-समय पर इसी तरह से विभागों का निरीक्षण करता रहूंगा। लापरवाह कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
-यशेंद्र सिंह, उपायुक्त
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इनसेट:
काम बहुत है बातचीत से काम नहीं चलेगा
सरल केंद्र में आम जनता के काम बहुत ज्यादा हैं, इसलिए इतनी जिम्मेदार सीट पर बैठकर बातचीत से काम नहीं चलने वाला। 1 अप्रैल से लेकर अब तक केंद्र में 3,283 लर्निंग लाइसेंस, 2,135 स्थायी ड्राइविग लाइसेंस तथा 1092 आवेदन नवीनीकरण के किए जा चुके हैं।