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पिछड़ों के आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रही सरकार

सामाजिक न्याय मंच के संरक्षक प्रो. आरएस यादव ने कहा कि हरियाणा सरकार पिछड़ों के आरक्षण को बड़ी चालाकी से खत्म करने की साजिश कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 03:56 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 03:56 PM (IST)
पिछड़ों के आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रही सरकार
पिछड़ों के आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रही सरकार

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: सामाजिक न्याय मंच के संरक्षक प्रो. आरएस यादव ने कहा कि हरियाणा सरकार पिछड़ों के आरक्षण को बड़ी चालाकी से खत्म करने की साजिश कर रही है। पिछले कुछ वर्षों में कई बार ऐसे मौके आए हैं जब भाजपा सरकार की आरक्षण विरोधी मानसिकता उजागर हुई है। सरकार सोची समझी रणनीति के तहत पिछड़े वर्ग के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित रखना चाहती है।

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उन्होंने बताया कि ताजा मामले में हरियाणा सरकार सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर की जो अधिसूचना पिछले साल 17 नवंबर को जारी की गई है वह सुप्रीम कोर्ट के 24 अगस्त, 2021 के फैसले में आदेशों की अवमानना और उल्लंघन है। इसमें इंदिरा साहनी और भारत सरकार मामले के दृष्टिगत निर्धारित मापदंडों के अनुसार नया नोटिफिकेशन जारी करने के लिए कहा गया था। इस नोटिफिकेशन से तो आरक्षण का आधार केवल आर्थिक हो गया है जो कि संविधान की सरेआम अवमानना है। संविधान में पिछड़ों के आरक्षण का आधार सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ापन है न कि आर्थिक है।

ऐसे की जा रही है अवमानना: मंच के अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने बताया कि वर्तमान सरकार ने अधिसूचना 17 नवंबर, 2021 के आधार पर क्रीमी लेयर के सभी फैसलों की अवमानना करके पिछड़ा वर्ग के संवैधानिक और न्याय संगत आरक्षण और अधिकारों पर कुठाराघात किया है। सर्वोच्च न्यायालय के 24 अगस्त, 2021 के फैसले हुए आदेशों की अवमानना कर, दो नवंबर 1992 के इंदिरा साहनी बनाम केंद्र सरकार के सर्वोच्च न्यायालय के नौ जजों के फैसले को नकार कर, तीन नवंबर 1993 की केंद्रीय सरकार की क्रीमी लेयर की अधिसूचना जो पूरे देश में लागू है उसको भी नहीं माना गया। 127वें संविधान संशोधन के अनुच्छेद 338बी की धारा नौ को नहीं मानना आदि तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार जानबूझकर पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को खत्म करने पर तुली हुई है।


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