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एसी बंद हुआ तो छुट्टी कर गए डॉक्टर, परेशान रहे सैकड़ों मरीज

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: यहां के महेंद्रगढ़ रोड स्थित एक्स सर्विसमैन कंट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम (ईसीएचएस) पालीक्लीनिक में कार्यरत दो डाक्टर सोमवार को सिर्फ इसलिए ओपीडी से उठ कर चले गए की फाल्ट होने के कारण एसी नहीं चल रहे थे तथा गर्मी अधिक थी। अचानक डाक्टरों के चले जाने से ईसीएचएस में पहुंचे पूर्व सैनिकों व वीरांगनाओं ने हंगामा शुरू कर दिया। लोगों की ईसीएचएस के अधिकारियों से भी तीखी नोक-झोंक हुई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 06:34 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 06:34 PM (IST)
एसी बंद हुआ तो छुट्टी कर गए डॉक्टर, परेशान रहे सैकड़ों मरीज
एसी बंद हुआ तो छुट्टी कर गए डॉक्टर, परेशान रहे सैकड़ों मरीज

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : महेंद्रगढ़ रोड स्थित एक्स सर्विसमैन कंट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम (ईसीएचएस) पॉलीक्लीनिक में कार्यरत दो डॉक्टर सोमवार को एसी नहीं चलने पर गर्मी का बहाना बना ओपीडी से उठ कर चले गए। डॉक्टर

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ों के चले जाने से ईसीएचएस में उपचार कराने के लिए पहुंचे सैकड़ों पूर्व सैनिकों व वीरांगनाओं ने हंगामा शुरू कर दिया। लोगों की ईसीएचएस के अधिकारियों से भी तीखी नोंकझोंक हुई। बाद में बगैर उपचार कराए ही पूर्व सैनिकों व वीरांगनाओं को लौटना पड़ा। बिजली में खराबी आते ही चले गए डॉक्टर

सोमवार को बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक ईसीएचएस की ओपीडी में उपचार के लिए पहुंचे थे। घंटों लाइन में लगकर पर्ची कटाने के बाद वे ओपीडी में अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। अचानक से ही बिजली में फाल्ट आ गया तथा एसी बंद हो गए। एसी बंद होने पर दोनों चिकित्सक यह कह कर वहां से चले गए कि गर्मी बहुत है तथा वे मरीजों को नहीं देख सकते। दोनों चिकित्सकों के चले जाने के कारण पूर्व सैनिकों व वीरांगनाओं ने हंगामा शुरू कर दिया। उनकी ईसीएचएस के इंचार्ज कर्नल एसएस सांगवान से भी जमकर नोंकझोंक हुई।

हंगामा कर रहे पूर्व सैनिकों का कहना था कि कभी डॉक्टर गायब रहते है तो कभी उन्हें दवाईयां ही नहीं मिलती। वे सुबह से भीषण गर्मी में उपचार के लिए बैठे है, परंतु कोई सुनने वाला नहीं है। कर्नल एसएस सांगवान ने समझा-बुझा कर सभी को शांत किया। डॉक्टर

के चले जाने के कारण बड़ी संख्या में महिलाओं व पुरुषों को बिना उपचार के ही वापस लौटना पड़ा। नहीं है एक भी स्पेशलिस्ट

सैनिक बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण ईसीएचएस में प्रतिदिन 250 से 300 पूर्व सैनिक व वीरांगनाएं उपचार के लिए पहुंचते है। ईसीएचएस में लंबे समय से डॉक्टरों के पद खाली पड़े हुए है। यहां पर तीन मेडिकल आफिसर, चार स्पेशलिस्ट व दो डेंटल के पद स्वीकृत है, परंतु वर्तमान में दो डेंटल व दो मेडिकल आफिसर की ही नियुक्ति है। स्पेशलिस्ट एक भी नहीं है और एक मेडिकल आफिसर का पद रिक्त है, जिस कारण पूर्व सैनिकों को यहां पूरा उपचार नहीं मिल पाता।

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पूर्व सैनिकों की परेशानी उन्हीं की जुबानी:-

सुबह 9 बजे से यहां बैठे है। चलने में भी परेशानी है। परिवार के सदस्य मुझे यहां लेकर आए थे, परंतु अचानक ही डॉक्टर

चले गए। बिना उपचार व दवा लिए वापस लौटना पड़ रहा है। डॉक्टर

ों की यहां पर कोई सुविधा नहीं है।

-श्रीकिशन, गांव टींट

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सुबह सात बजे से ओपीडी की पर्ची कटाने के लिए बैठी थी। डॉक्टर

आए और चले गए। उन्हें लोगों की परेशानी से कोई लेना-देना नहीं है। अब फिर से आना पड़ेगा। दोबारा आने पर भी कोई गारंटी नहीं है कि डॉक्टर मिलेंगे।

-धन्नो, गांव लालपुर

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मैं छठी बार यहां आया हूं। हर बार एक सप्ताह की ही दवा दी जाती है। आधी बार तो यहां पर दवा मिल ही नहीं पाती। यहां से केस फारवर्ड कराने के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ता है। शिकायतों का समाधान करने वाला कोई नहीं है।

-हरिकिशन, रेवाड़ी

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मैं पाल्हावास से यहां दवा लेने आई हूं। अस्पताल इतनी दूर है कि यहां आने के लिए तीन बार वाहन बदलने पड़ते है। यहां आकर न उपचार मिलता है न दवा। आज डॉक्टर बिना मरीज देखे उठ कर चले गए। फिर से इतनी दूर दवा लेने के लिए आना पड़ेगा।

-सरोज यादव, गांव पाल्हावास

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मैं 26 जून को दवा लेने आया था। डॉक्टर ने चार दवाएं लिखी थी। चारों में से एक भी दवा यहां नहीं मिली। पूर्व सैनिकों को सुविधा देने के लिए कोई भी गंभीर नहीं है। फिर दवा लेने के लिए आया था, परंतु आज भी दवाईयां नहीं मिली।

-बिशंबर दयाल, गांव पाली

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पहले यह यह क्लीनिक बस स्टैंड के निकट था। आने-जाने में कोई परेशानी नहीं थी, अब इतनी दूर बना दिया कि यहां पहुंचने में भी परेशानी उठानी पड़ रही है। यहां भी डॉक्टर गायब मिलते है। बार-बार परेशान होना पड़ रहा है।

-प्रेम लता, गांव मोतला खुर्द

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ईसीएचएस की लाइट में दिक्कत आ जाने के कारण दोनों चिकित्सकों को ओपीडी छोड़कर जाना पड़ा। ओपीडी छोड़ कर जाने वाले दोनों चिकित्सकों की आज की सैलरी काटी जाएगी। इस बारे में उच्च अधिकारियों को भी सूचित कर दिया गया है। ईसीएचएस में 13 जुलाई को दवाईयां आ चुकी है तथा दवाईयों की कोई कमी नहीं है। डॉक्टर के कई पर रिक्त है, जिसके बारे में अधिकारियों को भी पत्र भेजा हुआ है। टीनशेड की अनुमति के लिए भी फाइल अधिकारियों को भेजी हुई है। अनुमति मिलने के बाद टीनशेड बनवाया जाएगा।

-कर्नल एसएस सांगवान, इंचार्ज ईसीएचएस


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