Move to Jagran APP

शिक्षकों ने स्थानांतरण नीति में बदलाव की मांग उठाई

शिक्षा विभाग द्वारा स्थानांतरण प्रक्रिया के लिए आरंभ की गई ट्रांसफर ड्राइव की खामियों को लेकर शिक्षकों ने विरोध प्रकट किया। इस संबंध में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने शिक्षा निदेशालय के नाम उप जिला शिक्षा अधिकारी संतोष यादव को ज्ञापन सौंपा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 06:36 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 06:34 AM (IST)
शिक्षकों ने स्थानांतरण नीति में बदलाव की मांग उठाई
शिक्षकों ने स्थानांतरण नीति में बदलाव की मांग उठाई

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : शिक्षा विभाग द्वारा स्थानांतरण प्रक्रिया के लिए आरंभ की गई ट्रांसफर ड्राइव की खामियों को लेकर शिक्षकों ने विरोध प्रकट किया। इस संबंध में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने शिक्षा निदेशालय के नाम उप जिला शिक्षा अधिकारी संतोष यादव को ज्ञापन सौंपा। संघ के प्रधान महावीर सिंह के नेतृत्व में सौंपे ज्ञापन से पहले शिक्षकों ने नारेबाजी करते हुए रोष प्रकट किया।

loksabha election banner

शिक्षकों का कहना था कि संगठन की बैठक में बनी सहमति के अनुसार पहले सभी केटेगरी की पदोन्नति करना चाहिए ताकि स्थानांतरण के लिए अधिकतम विकल्प उपलब्ध हो सके। ज्ञापन में स्थानांतरण मेरिट में अनुभव का एक अंक प्रति वर्ष जोड़ने, सभी स्वीकृत व रिक्त पद ऑनलाइन दिखाने के बाद स्थानांतरण में अनिवार्य रूप से शामिल की सूची डालने की मांग की। वर्ष 2017-18-19 में नवनियुक्त सभी शिक्षकों को स्थाई जिले आवंटित करते हुए अंतर जिला व सामान्य स्थानांतरण में शामिल करने की मांग की। जिला सचिव सत्यपाल यादव ने आरोप लगाया कि सरकार के मंत्रीमंडल व अधिकारियों के सही तालमेल न होने के कारण जल्दबाजी में बिना तैयारी के स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू की गई हैं। इस अवसर पर अशोक कुमार, नरेश कुमार, कृष्ण गोपाल, प्रताप सिंह, भगवान दास, ईश्वर सिंह, विनोद शास्त्री, ब्रह्म प्रकाश, अजय कुमार उपस्थित थे।

------------------

हसला ने भी जताया विरोध

ट्रांसफर ड्राइव की खामियों को लेकर हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने अनियमितताएं बरतने का आरोप लगाया है। हसला जिला प्रधान हरीश यादव ने पदों के वैज्ञानिकरण के समय व तरीके को तर्कहीन बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि वैज्ञानिकरण से हजारों प्राध्यापकों के पदों को मनमाने ढंग से समाप्त कर दिया है। जिन विद्यार्थियों ने इस सत्र में जो विषय लिए हैं उन्हीं विषयों के प्राध्यापकों के पद समाप्त करना विभाग का तुगलकी फरमान के अलावा कुछ नहीं है। इससे हजारों विद्यार्थी स्कूल छोड़ने पर मजबूर होंगे या फिर अपने विषय बदलने को बाध्य होंगे। इस कारण कारण सेशन के बीच में ही प्राध्यापकों को दूर नौकरी करने पर मजबूर होना पड़ेगा। यह विभाग की संवेदनहीनता एवं निष्ठुरता की पराकाष्ठा है। ट्रांसफर पालिसी की मूल भावना है कि 5 साल से पहले किसी भी प्राध्यापक को ट्रांसफर के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.