स्वार्थ की राजनीति करते हैं राव इंद्रजीत: अजीत ¨सह
राव अजित सिंह की कांग्रेस की तारीफ
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : राव परिवार की भविष्य की राजनीति अब स्पष्ट होती जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री राव बिरेंद्र ¨सह के मंझले बेटे राव अजीत ¨सह ने शनिवार को अपने बड़े भाई केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ¨सह पर तीखा राजनीतिक वार किया। इंद्रजीत पर दक्षिण हरियाणा के हितों को ताक पर रखकर सिर्फ निजी स्वार्थ की राजनीति करने का आरोप लगाया और पहली बार कांग्रेस की जमकर तारीफ की।
रामपुरा हाउस में प्रेस कांफ्रेस कर अजीत ¨सह ने कहा कि उनके बेटे कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं, लेकिन मैने अभी कांग्रेस की विधिवत सदस्यता नहीं ली है। पहले मैं वर्षों तक कांग्रेस की आलोचना करता रहा हूं, लेकिन भाजपा का चार वर्ष का शासन देखने के बाद मेरा विचार बन गया है कि मैं भी कांग्रेस की राजनीति को मजबूती देने के लिए काम करूंगा। राहुल गांधी पिछले दो वर्ष में एक परिपक्व राजनीतिज्ञ बनकर उभरे हैं। देश को उनसे बड़ी उम्मीद है, जबकि भाजपा व इस पार्टी को चलाने वाले संगठन फासिस्टवाद की याद दिला रहे हैं। लोगों को धर्म व जाति के नाम के पर बांटा जा रहा है।
उन्होंने राव इंद्रजीत की दौंगड़ा अहीर में की गई रैली पर कहा कि यह अपने आधार को बचाने व भाजपा पर दबाव बनाने के लिए की गई थी। उन्होंने इनेलो-बसपा गठबंधन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इससे इनेलो को कोई मजबूती नहीं मिलेगी, क्योंकि दलित वर्ग कभी इनेलो को समर्थन देने की भूल नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि इनेलो ने उनका राजनीतिक इस्तेमाल किया, लेकिन इलाके का हक नहीं। इस वजह से इनेलो की राजनीति कभी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि शक्ति मिलने पर बावल, पटौदी, अटेली व नांगल चौधरी सीटों पर दावेदारी करेंगे। उन्होंने माना कि कांग्रेस को सबसे बड़ा नुकसान गुटबाजी से है। अगर भूपेंद्र हुड्डा, किरण चौधरी, अशोक तंवर, रणदीप सुरजेवाला, शैलजा व कैप्टन अजय ¨सह यादव जैसे नेता मिलकर चलेंगे तो कांग्रेस की शक्ति में काफी बढ़ोतरी हो जाएगी।
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बड़ी रैलियां करेंगे
पिता के साथ मौजूद राव अर्जुन ¨सह ने कहा कि अहीरवाल में रामपुरा हाउस की ताकत दिखाने के लिए गुरुग्राम व नांगल चौधरी में विशाल रैलियां की जाएंगी। इन रैलियों में राहुल गांधी को भी आमंत्रित करेंगे। पत्रकारों से बातचीत से पूर्व राव अजीत ¨सह व अर्जुन ¨सह ने गुरुग्राम व भिवानी-महेंद्रगढ़ क्षेत्र से आए कार्यकर्ताओं से मंत्रणा की।