एनसीटी के मान्यता हलफनामे पर दिल्ली हाईकोर्ट की रोक
जागरण संवाददाता,रेवाड़ी: राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की तरफ से देशभर के तमाम कॉलेजो
जागरण संवाददाता,रेवाड़ी: राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की तरफ से देशभर के तमाम कॉलेजों के साथ इंजीनिय¨रग व मेडिकल संस्थाओं से नए सिरे से मान्यता के लिए हलफनामा दिए जाने पर दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने स्थगन आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने यह स्थगन आदेश हरियाणा सेल्फ फाइनेंस प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन की याचिका पर दिया है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी। बृहस्पतिवार को यहां के सेंडपाइपर टूरिस्ट काम्पलेक्स में आयोजित पत्रकार वार्ता में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि परिषद ने इसी वर्ष 28 अप्रैल को सुधार नोटिफिकेशन रेगुलेशन के तहत नियम बनाया था कि कॉलेजों को मूल्यांकन राष्ट्रीय शिक्षा परिषद की बजाय एनसीटी द्वारा तय निजी संस्थान से करवाना होगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद एनसीटी ने बगैर कोई टेंडर कॉल किए एक निजी संस्था को देशभर के 18 हजार संस्थानों का यह कार्य सौंप दिया था। इसके बाद नए एवं पांच साल पुराने सभी संस्थानों को शपथ पत्र भरने को कहा गया था। उसका भी प्रारूप बार-बार बदल दिया गया। इसके अतिरिक्त नेक के मूल्यांकन में कोई फीस नहीं थी न ही शपथ पत्र के प्रारूप में फीस का प्रावधान है। बावजूद इसके संस्थाओं से फीस ली जा रही थी। पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि इसका मकसद सही नहीं था और फीस वसूलने के लिए बार-बार प्रारूप बदला जा रहा था। इसको भरना भी अनिवार्य कर दिया गया था। इसके खिलाफ एसोसिएशन ने 25 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच में याचिका लगाई जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीशों ने इस मान्यता हलफनामे के भरवाने के आदेश पर रोक लगा दी है। उन्होंने बताया कि इस मामले में अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी। पत्रकार वार्ता में एसोसिएशन के प्रधान सतीश खोला, महेंद्र रूपेला, जेएस यादव, राजकुमार ¨सह, बलवान ¨सह, डॉ.राहुल कांत व डॉ.नवीन पिपलानी मौजूद थे।