खेल गतिविधियों पर ब्रेक, अब अगले साल ही उम्मीद
खेल और खिलाड़ियों के लिहाज से यह वर्ष बहुत अच्छा होने की उम्मीद नहीं है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी:
खेल और खिलाड़ियों के लिहाज से यह वर्ष बहुत अच्छा होने की उम्मीद नहीं है। इस वर्ष अभी तक किसी प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं हो पाया है। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लगभग दो माह से खेल परिसर सूनसान हैं। खिलाड़ी घरों में कैद हैं। जो खिलाड़ी सुबह और शाम मैदान में जमकर पसीना बहाते थे, वे आज घर की चारदीवारी में कैद होने के साथ खेल अभ्यास से भी वंचित हैं। अब मोबाइल के वाट्सएप ग्रुप में देखकर ही खेल तकनीक की बारीकियां सीख रहे हैं।
खेल नर्सरियों के साथ ही खेल विभाग में कार्यरत प्रशिक्षक भी खिलाड़ियों को खेलों में रुचि बनाए रखने के लिए विभिन्न माध्यम से उत्साहवर्धन कर रहे हैं। खिलाड़ियों में इस वर्ष किसी प्रकार की खेल प्रतियोगिताएं होने की संभावना नहीं दिखने से थोड़ी मायूसी है। प्रशिक्षकों का कहना है कि खिलाड़ी भले खेल मैदान में अभ्यास नहीं कर सकते, लेकिन घर के अंदर रहकर भी अपना कौशल बनाए रख सकते हैं। ऐसे खिलाड़ी जो राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को लंबे समय तक घरों में कैद होना उनकी प्रतिभा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अभी दूर दूर तक खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होने की संभावना नहीं है। ऐसे में अब अगले साल ही कुछ गतिविधियां होने की उम्मीद है। खेल कैलेंडर भी नहीं हुआ जारी:
अमूमन शिक्षा और खेल विभाग हर साल नया शैक्षणिक सत्र आरंभ होने के बाद खेल कैलेंडर भी जारी कर देते थे। खेल विभाग की ओर से संचालित खेल नर्सरियों के लिए दाखिला कार्यक्रम भी आरंभ हो जाता था। इस बार न स्कूल खुले और न मार्च में परीक्षाएं संपन्न होने के बाद खेल गतिविधियां आरंभ हो पाईं। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद शारीरिक दूरी बनाए रखने के साथ भीड़ होने पर रोक रहेगी।
कोरोना वायरस संक्रमण से बचने का एकमात्र उपाय शारीरिक दूरी बनाना जरूरी है। अभी तक खेल निदेशालय की ओर से किसी प्रकार के खेल कैलेंडर नहीं बनाया गया है। खिलाड़ियों को अपनी खेल प्रतिभा बरकरार रखने के लिए इंडोर गेम्स खेलते रहना चाहिए। अभी प्रशिक्षकों के साथ खिलाड़ियों की जिम्मेदारियां कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चलाए जा रहे अभियान में लगाई गई है। सभी प्रशिक्षकों को खिलाड़ियों को जागरूक करने के लिए वाट्सएप, जूम एप और अन्य माध्यमों से संपर्क में रहने और प्रेरित करते रहने के निर्देश दिए हैं।
- परसराम, जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम