Move to Jagran APP

स्पैट में 126 खिलाड़ियों ने दिखाया दमखम

बावल स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में लड़कों की फुटबाल और खो-खो नर्सरी के लिए ट्रायल का आयोजन किया गया। इसमें स्कूल और इसके आसपास के स्कूलों से 126 विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 04:34 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 06:36 AM (IST)
स्पैट में 126 खिलाड़ियों ने दिखाया दमखम
स्पैट में 126 खिलाड़ियों ने दिखाया दमखम

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : बावल स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में लड़कों की फुटबॉल और खो-खो नर्सरी के लिए ट्रायल किया गया। इसमें स्कूल और इसके आसपास के स्कूलों से 126 विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। फुटबॉल के लिए 42 तथा खो-खो के लिए 84 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग की ओर से स्थापित किए जा रहे खेल नर्सरियों के लिए स्कूल प्रबंधन को प्रशिक्षकों की व्यवस्था करने के बाद ही खिलाड़ियों के ट्रायल लेने के निर्देश हैं। इसके तहत अब तक 18 स्कूलों में विभिन्न खेल नर्सरी के लिए ट्रायल आयोजित किए जा चुके हैं। राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बावल में फुटबॉल व खो-खो नर्सरी स्थापित की जाएगी। इसके अलावा जाडरा में बास्केटबॉल व नांगलतेजू में हैंडबाल नर्सरी के लिए ट्रायल हुए। ट्रायल के तहत खिलाड़ियों ने (स्पो‌र्ट्स एंड फिजिकल एप्टीट्यूट टेस्ट) स्पैट दिए। स्पैट में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 50 खिलाड़ियों को चयन कर उनमें से श्रेष्ठ 25 खिलाड़ियों का खेल नर्सरी में दाखिला होगा। नर्सरी में दाखिल होने वाले 14 साल तक के खिलाड़ियों को 1500 रुपये तथा 15 से 19 साल तक के खिलाड़ियों को दो हजार रुपये प्रतिमाह खेल विभाग की ओर से खेलछात्रवृत्ति राशि मिलेंगे। इस मौके पर स्कूल प्रिसिपल प्रदीप कुमार ने सभी का स्वागत करते हुए खिलाड़ियों से अपना बेहतर प्रदर्शन देने का आह्वान किया। टेस्ट के दौरान खेल विभाग की ओर से फुटबाल प्रशिक्षक चरण सिंह, संजीव कुमार, वालीबॉल कोच शर्मिला यादव, स्कूल के डीपीई परमजीत सिंह, कुलदीप सहित समस्त स्कूल स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।

loksabha election banner

----------------------

खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग की ओर से स्थापित हो रहे खेल नर्सरियों के लिए खिलाड़ियों का चयन से पहले प्रशिक्षकों की व्यवस्था कराने पर ध्यान दिया गया है। स्कूल मुखिया द्वारा प्रशिक्षकों की व्यवस्था करने के बाद ही खिलाड़ियों के स्पैट टेस्ट लिए जा रहे हैं। कोई स्कूल प्रशिक्षकों की व्यवस्था कर रहा है तो खिलाड़ियों के चयन के लिए विभाग की ओर से स्पैट टेस्ट आयोजित कराए जाएंगे।

- परसराम, जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.