---निजी स्कूल नहीं डाल सकते फीस जमा कराने का दबाव
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन की स्थिति में स्कूलों के बारे में भी विभिन्न प्रकार की चर्चा जोरशोर से चल रही हैं।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी:
कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लॉकडाउन में स्कूलों के बारे में भी विभिन्न प्रकार की चर्चा जोरों पर हैं। इनमें निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से जल्द फीस और बकाया राशि जमा कराने का दबाव की बातें भी चल रही हैं। शिक्षा निदेशालय ने ऐसी हरकत करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। शिक्षा निदेशालय ने सर्कुलर जारी कर कोरोना वायरस के चलते अवकाश तक किसी भी अभिभावक से फीस या कोई शुल्क नहीं मांगने के निर्देश दिए गए हैं।
शिकायत पर जारी किया सर्कुलर
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि कुछ निजी स्कूल संचलकों द्वारा अभिभावकों से लॉकडाउन के चलते 14 अप्रैल तक स्कूलों में अवकाश हैं, लेकिन निजी स्कूल संचालक अभिभावकों को फोन कर जल्द से जल्द फीस और बकाया राशि जमा कराने का दबाव डाला जा रहा है। ऐसे में पहले से काम-धंधा ठप होने से अभिभावक परेशान हैं। वहीं स्कूल संचालकों की मनमानी से वे मानसिक तनाव में है। इसलिए स्कूल नहीं खुलने तक किसी प्रकार की फीस या बकाया राशि नहीं मांगने के निर्देश दिए हैं।
वर्जन..
जिलास्तर पर तो ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है, लेकिन शिक्षा निदेशालय की ओर से इस संबंध में निगरानी करने के निर्देश हैं। प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन से ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण से स्कूलों में 14 अप्रैल तक अवकाश है। इस दौरान कोई स्कूल संचालक अभिभावकों या विद्यार्थियों से किसी प्रकार की फीस या बकाया राशि नहीं मांगने के निर्देश दिए हैं।
--राजेश कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी।