भारी पड़ रहा शेड्यूल बदलना, 28 दिन बाद नसीब होगा पानी
पीने के पानी को लेकर शहर में हालात बिगड़ने लगे हैं। पानी का शैड्यूल बदलना आम आदमी को भारी पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : पीने के पानी को लेकर शहर में हालात बिगड़ने लगे हैं। पानी का शेड्यूल बदलना आम आदमी को भारी पड़ रहा है। बड़ी बात यह है कि शहर को पानी सप्लाई करने वाले वाटर टैंकों में 28 दिनों के बाद पानी पहुंचेगा। इन हालातों में सात दिन पहले से ही पानी की राश¨नग शुरू कर दी गई है और यह 15 नवंबर तक चलने वाली है। शहर में सिर्फ एक दिन छोड़कर एक दिन नहीं बल्कि कई इलाकों में तो दो-दो दिन में पानी आ रहा है। पेयजल किल्लत से जूझ रहे लोग अब विरोध पर उतारू हो रहे हैं। पहले 16 और अब 24 दिन बंद रहेगी नहर
¨सचाई विभाग की ओर से नहर में पानी आने का रोटेशन बदल दिया गया है। पहले जहां 16 दिन पानी छोड़कर 16 दिन पानी बंद रखा जाता था वहीं अब पानी बंद रखने की अवधि सीधे 8 दिन बढ़ा दी गई है। अब नए रोटेशन के अनुसार 16 दिन पानी देकर 24 दिनों तक उसे बंद रखा जाएगा। इस नए रोटेशन की शुरूआत नवंबर माह से ही कर दी गई है। हालांकि सर्दियों के समय में पानी बचाने के लिए रोटेशन हर साल लागू किया जाता है लेकिन इस साल 2 महीने पहले ही नया रोटेशन लागू कर दिया गया है। पिछले साल जनवरी में रोटेशन बदला था। इस बार नहर में पानी आना 18 अक्टूबर को बंद हो गया था। अब ¨सचाई विभाग की माने तो 13 नवंबर को खूबडू प्वाइंट से पानी चल पड़ेगा तथा 15 नवंबर को कालाका गांव स्थित वाटर टैंकों तक नहर का पानी पहुंचेगा। इन हालातों में 15 नवंबर के बाद ही पेयजल सप्लाई दुरुस्त हो पाएगी। यानि पूरे 28 दिनों के बाद इस बार पानी पहुंच पाएगा। वहीं जनस्वास्थ्य विभाग की तरफ से पानी की कटौती 26 अक्टूबर को ही शुरू कर दी गई थी। 26 अक्टूबर से एक दिन छोड़कर एक दिन पानी दिया जा रहा है। पानी के लिए मचा हाहाकार
बेशक हल्की सर्दी शुरू हो गई है लेकिन पानी की डिमांड एकदम से कम हो जाए ऐसी स्थिति अभी बन नहीं पाई है। शहर में पानी के लिए हाहाकार शुरू हो गया है। कई इलाकों में तो एक दिन छोड़कर एक दिन नहीं बल्कि दो से तीन दिनों में भी पानी पहुंच रहा है। जब पानी आता है तो भी 10 से 15 मिनट के लिए ही। 15 नवंबर तक पानी का यही रुटिन रहना है जिससे निश्चित तौर पर लोगों के लिए परेशानी बढ़ेगी।
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अब तो गर्मी भी नहीं है फिर पानी की कटौती क्यों की जा रही है। पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा। स्थिति खराब होती जा रही है।
-हेमंत भारद्वाज, कुतुबपुर
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पानी का रोटेशन बदला है जिससे समस्या पैदा हुई है। 15 नवंबर को वाटर टैंकों में पानी आ जाएगा। पानी की किल्लत होने पर रोटेशन बदला जाता है।
-राकेश कुमार, कार्यकारी अभियंता ¨सचाई विभाग
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जब तक नहर का पानी नहीं आ जाएगा तब तक एक दिन छोड़कर एक दिन ही पानी दिया जाएगा। अगर राश¨नग नहीं होगी तो 15 नवंबर तक पानी देना संभव नहीं हो पाएगा।
-अशोक डागर, कनिष्ठ अभियंता जनस्वास्थ्य विभाग।