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बेटियों के लिए भी खुले सैनिक स्कूल के द्वार

देशसेवा का जज्बा रखने वाली बेटियों के लिए सैनिक स्कूल ने पहली बार अपने द्वार खोल दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 08:46 PM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 08:46 PM (IST)
बेटियों के लिए भी खुले सैनिक स्कूल के द्वार
बेटियों के लिए भी खुले सैनिक स्कूल के द्वार

अमित सैनी, रेवाड़ी

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देशसेवा का जज्बा रखने वाली बेटियों के लिए सैनिक स्कूल ने पहली बार अपने द्वार खोल दिए हैं। रेवाड़ी के सैनिक स्कूल में अब बेटियां भी प्रवेश ले सकेंगी। सैनिक स्कूल में दाखिले के लिए आवेदन चल रहे हैं और निश्चित तौर पर महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह बड़ा कदम है। 2021 के सत्र में बेटियों को दाखिला दिया जाएगा। छठी कक्षा में प्रवेश ले सकेंगी दस छात्राएं सैनिक स्कूल में वर्ष 2009 से कक्षाएं आरंभ हुई थीं। तब से पांच बैच पास आउट होकर निकल चुके हैं। स्कूल में पढ़कर निकले बहुत से विद्यार्थी भारतीय सेनाओं में अधिकारी के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं। अभी तक सिर्फ लड़कों को ही सैनिक स्कूल में प्रवेश दिया जाता था। पहली बार अब लड़कियां भी स्कूल में प्रवेश ले सकेंगी। सैनिक स्कूल में दाखिला प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नए सत्र में दाखिले के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं। 19 नवंबर तक प्रवेश के लिए आवेदन किया जा सकता है। रेवाड़ी के सैनिक स्कूल में कक्षा छठी में लड़कों के साथ ही अब लड़कियां भी प्रवेश ले सकेंगी। लड़कियों के लिए दस सीटें निर्धारित कर दी गई हैं। वहीं, 75 सीटें लड़कों के लिए रखी गई हैं। इसके अतिरिक्त कक्षा नौ में दाखिले के लिए भी लड़कों लिए 15 सीटें हैं। आने वाले सालों में लड़कियों के लिए सीटों की संख्या बढ़ाई जाएगी। पिछले वर्ष इस स्कूल में दाखिले के लिए 4 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने आवेदन किया था। इस बार इससे भी अधिक आवेदन आने की उम्मीद है।

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पहली बार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी लेगी परीक्षा सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा 10 जनवरी को होनी है। अहम बात यह है कि इस बार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा लेगी। एजेंसी नीट व जेईई जैसी प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन करती आई है, लेकिन पहली बार सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा का जिम्मा इसे मिला है।

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सैनिक स्कूलों में सिर्फ लड़कों को ही दाखिला दिया जाता था, लेकिन अब लड़कियों के लिए भी रास्ता साफ हो गया है। जो बेटियां सैन्य अधिकारी बन देश की सेवा करने का सपना देखती हैं, उनके लिए यह सुनहरा अवसर है। रेवाड़ी सैनिक स्कूल में दस बेटियों को कक्षा छठी में दाखिला दिया जाएगा। महिलाओं की सेना में भागीदारी बढ़ रही है, जिसको देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

-कर्नल सौम्यब्रत धर, प्राचार्य सैनिक स्कूल रेवाड़ी।


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