नियम 134ए : मानसिक प्रताड़ना का शिकार हो रहे बच्चे
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : शिक्षा नियमावली 134ए के तहत निजी स्कूलों में निश्शुल्क दाखिला के
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : शिक्षा नियमावली 134ए के तहत निजी स्कूलों में निश्शुल्क दाखिला के लिए चयनित हुए बच्चों के साथ निजी स्कूलों द्वारा भेदभाव किया जा रहा है। इससे बच्चों के साथ अभिभावकों को भी मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ निजी स्कूल संचालकों द्वारा इन बच्चों के साथ किया जा रहा बर्ताव ऐसा प्रतीत हो रहा है मानों ये बच्चे किसी दूसरी दुनिया से भेजे गए हों। कुछ स्कूलों में इन बच्चों को अन्य बच्चों से अलग बैठाए जा रहे हैं तो किसी में सामान्य बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। कुछ बच्चों ने उन्हें अलग कमरे में बैठाने की भी शिकायत की है। इसके अलावा बीपीएल और आयस्त्रोत का प्रस्तुत दस्तावेज पर सवालिया निशान उठाते हुए अपने स्तर पर जांच के बाद दाखिला देने का दबाव दिया जा रहा है। अधिकारियों ने किया दौरा:
अभिभावकों द्वारा इसी प्रकार की शिकायतें मिलने के बाद शुक्रवार को जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुरेश गोरिया, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी मुकेश यादव और भीम सैन गौड़ ने विभिन्न स्कूलों का निरीक्षण किया। उन्होंने यदुवंशी शिक्षा निकेतन, दिल्ली पब्लिक स्कूल, यूरो इंटरनेशनल स्कूल, आरपीएस और सूरज स्कूल का दौरा कर अभिभावकों द्वारा दिए गए शिकायतों के आधार पर स्कूल प्रबंधन और ¨प्रसिपलों से बातचीत की। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुरेश गोरिया ने बताया कि कुछ सीबीएसई से संबद्ध स्कूल संचालक नियम 134ए के तहत 10वीं और 12वीं कक्षा में दाखिला लेने वाले बच्चों के दाखिला के बारे में तकनीकी अड्चनों को बाधा बताने पर जल्द संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर समाधान कराने का आश्वासन दिया। इसके अलावा जिन स्कूलों में नियम 134ए के तहत दाखिला लेने वाले बच्चों के साथ भेदभाव की शिकायतें मिली थी उन्हें चेतावनी देते हुए सामान्य बच्चों के साथ बैठाकर लौटे। वाहन सुविधा नहीं देने वाले स्कूल संचालकों को भी समझा दिया गया है। कोई भी स्कूल मुखिया बच्चों को दाखिला देने से इंकार नहीं कर सकता। इसके अलावा मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है तो इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
---- स्कूल को दिए बंद करने के निर्देश:
जिला प्रशासन द्वारा चयनित गैर मान्यता प्राप्त 99 स्कूलों में से एक पब्लिक स्कूल का भी अधिकारियों ने दौरा किया। वहां पहुंचने पर स्कूल मुखिया स्कूल में नहीं होने के कारण उन्हें शनिवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आने के निर्देश दिए हैं। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने बताया के नियमों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई जारी रहेगी।