आखिर खत्म हुआ इंतजार: रेवाड़ी की नई जेल में शिफ्ट हुए बंदी, शुरुआत में 300 कैदियों को रखने की क्षमता
रेवाड़ी में नई जेल का इंतजार अब खत्म हो गया है, जहां बंदियों को स्थानांतरित किया गया है। शुरुआत में 300 कैदियों को रखने की क्षमता है। जेल प्रशासन ने स ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। 11 साल का लंबा इंतजार आखिरकार खत्म हो गया। शहर से सटे गांव फिदेड़ी में 50 एकड़ से ज्यादा जमीन पर बनकर तैयार हुई नई जिला जेल में उद्घाटन के पांच माह बाद बंदियों को शिफ्ट कर दिया गया है।
वैसे तो जेल में बंदियों को रखने की क्षमता साढ़े 900 की है, लेकिन अभी जेल के दो ही ब्लॉक चालू किए गए हैं, जिनमें 300 बंदियों को रखा जा सकता है। हाल में यहां 105 बंदियों को शिफ्ट किया गया है। जैसे-जैसे बंदियों की संख्या बढ़ेगी यहां अन्य ब्लाक को भी चालू कर दिया जाएगा। सुरक्षा के लिहाज से 70 से ज्यादा कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
दरअसल, इस हाई सिक्योरिटी जेल का उद्घाटन इसी साल 15 जून को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किया था। लेकिन कुछ कार्य बाकी रह जाने से यहां बंदियों को शिफ्ट नहीं किया जा सका था। पांच महीनों से जेल की तकनीकी खामियों को ठीक किया जा रहा था।
हालांकि 28 नवंबर के बाद यहां सबसे पहले उन 95 बंदियों को शिफ्ट किया गया, जो शहर के भीतर बनी 30 बंदियों की क्षमता वाली जेल में बंद थे। इसके बाद से ही यहां अन्य बंदियों को लाया जा रहा है। नई जेल में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है। इनमें डॉग स्क्वायड, सामान जांचने वाला स्केनर सिस्टम भी शामिल है।
अब बड़े गैंगस्टर को दूसरी जेल की बजाए यहीं रखा जाएगा
बता दें कि पुराना कोर्ट रोड स्थित पुरानी जिला जेल में 30 बंदियों को रखने की क्षमता की वजह से यहां छोटे-मोटे अपराध करने वाले अपराधियों को रखा जाता था। गैंगस्टर और बड़े अपराधियों को गुरुग्राम की भोंडसी या नारनौल की नसीबपुर जेल में भेजा जाता था, लेकिन अब हाई सिक्योरिटी वाली जेल बन जाने से यहां स्थानीय बदमाशों के अलावा आसपास की जेल में बंद बड़े गैंगस्टर या बदमाश को रखा जा सकता है। सरकार की ओर से करीब 95 करोड़ रुपये की लागत से इस नई जिला जेल का निर्माण कराया गया है।
अस्पताल भी बनकर तैयार
इसके अलावा नई जेल में प्रशासनिक भवन के अलावा बंदियों के लिए 11 बैरक, दो सुरक्षा वार्ड, एक औद्योगिक स्थान, 30 बिस्तरों वाला अस्पताल, नियंत्रण कक्ष, कैंटीन और गोदाम बनाए गए हैं। इसके साथ ही इसमें 74 घर, एक वार्डर छात्रावास, एक शापिंग काम्प्लेक्स, पार्क और सामुदायिक केंद्र का भी निर्माण किया गया है। नई जेल में ड्यूटी दे रहे स्टाफ के लिए क्वार्टर भी खोल दिए गए हैं।
अभी दो ही ब्लाक में रखे गए हैं बंदी
पुरानी जेल से सभी बंदियों को नई जेल में शिफ्ट किया जा चुका है। इसके अलावा कुछ अन्य बंदियों को भी यहां लाया गया है। अभी जेल में 105 बंदी है। दो ब्लाक चालू कर दिए गए हैं। जैसे-जैसे क्षमता बढ़ेगी अन्य ब्लाक भी चालू कर दिए जाएंगे।
-रामकुमार, डिप्टी सुपरिटेंडेंट, जिला जेल

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