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सर्जिकल स्ट्राइक से लिया सचिन की शहादत का बदला

सेना के पैरा कमांडों ने सीमा पार म्यांमार में घुस कर आतंकियों को मार कोसली के जवान सचिन कुमार की शहादत का बदला आखिर ले ही लिया। सचिन व उनके अन्य साथी जवानों पर घात लगा कर हमला करने वाले संगठन नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल आफ नागालैंड-खापलांग के पांच आतंकियों को पैरा कमांडों ने मौत के घाट उतार दिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 04:56 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 04:56 PM (IST)
सर्जिकल स्ट्राइक से लिया सचिन की शहादत का बदला
सर्जिकल स्ट्राइक से लिया सचिन की शहादत का बदला

कृष्ण कुमार, रेवाड़ी:

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सेना के पैरा कमांडों ने सीमा पार म्यांमार में घुस कर आतंकियों को मार कोसली के जवान सचिन कुमार की शहादत का बदला आखिर ले ही लिया। सचिन व उनके अन्य साथी जवानों पर घात लगा कर हमला करने वाले संगठन नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल आफ नागालैंड-खापलांग के पांच आतंकियों को पैरा कमांडों ने मौत के घाट उतार दिया। आतंकियों को मौत के घाट उतारने की सेना की कार्रवाई की शहीद सचिन के परिजनों के साथ-साथ स्थानीय लोगों ने भी सराहना की है। शहीद के परिजनों का कहना है कि सेना की इस कार्रवाई ने शहीद सचिन व उनके साथ शहीद हुए अन्य जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है।

उग्रवादियों के हमले में शहीद हुए थे सचिन

गांव कोसली निवासी सचिन कुमार सुपुत्र राजेंद्र ¨सह वर्ष 2011 में असम राइफल्स में भर्ती हुए थे। वह वर्तमान में वे 40 असम राइफल की एफ कंपनी में राइफलमैन के पद पर थे तथा नागालैंड में तैनात थे। 17 जून को पानी भरने जा रहे असम राइफल के छह जवानों पर शाम तीन बजे नागालैंड के जिला मोन के क्षेत्र अबोई के पास शाम करीब तीन बजे घात लगाए बैठे सशस्त्र उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला कर दिया था। उग्रवादियों की ओर से घातक विस्फोट के साथ-साथ अंधाधुंध गोलीबारी भी की गई थी। हमले में हवलदार फतेह ¨सह नेगी व सिपाही एच. कोनयाक शहीद हो गए थे, जबकि सचिन सहित चार अन्य जवान घायल हो गए थे। सचिन व उनके साथियों ने उग्रवादियों का डटकर मुकाबला किया था। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 21 जून को इस जांबाज राइफल मैन ने अंतिम सांस ली थी। 24 जून को गांव कोसली में सचिन का सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था।

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उग्रवाद और आतंकवाद का हो जड़ से खात्मा

शहीद सचिन के पिता राजेंद्र ¨सह का कहना है कि भारतीय सेना ने म्यांमार में घुस कर जो सर्जिकल स्ट्राइक की है वह निश्चित तौर पर बड़ा कदम है। यह सिर्फ मेरे बेटे सचिन की शहादत का ही बदला नहीं है बल्कि भारत माता के उन तमाम सपूतों की शहादत का बदला है जिनपर कायरता से हमला किया गया। भारत सरकार को अब उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की जरूरत है। जड़ से इनको समाप्त करना होगा ताकि देश में अमन व शांति बन सके।


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