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आइएएस बनना चाहते हैं कला संकाय के प्रदेश टॉपर शिव कुमार

इंट्रो बुधवार को हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी का 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। घोषित परीक्षा परिणाम में भले ही पलवल जिला कोई करिश्मा नहीं कर पाया हो तथा वरीयता की सूची में प्रदेश में सबसे निचले पायदान पर रहा लेकिन जिले के गांव खांबी के साधारण किसान परिवार के छात्र शिवकुमार प्रदेश भर में कला संकाय में टॉपर रहे। पलवल की कृष्णा कॉलोनी में अपने मामा के घर पर रहकर पढ़ाई करने वाले तथा आइएएस अधिकारी बनने का ख्वाब संजोए शिवकुमार ने शहर के जीवन ज्योति स्कूल से शिक्षा ग्रहण की है। बढ़ी बात यह है कि खुद 12वीं कक्षा की पढ़ाई करते वे स्नातक तक के छात्रों को ट्यूशन देते रहे हैं। भविष्य की योजनाओं पर दैनिक जागरण के संजय मग्गू ने शिव कुमार से विस्तृत बातचीत की. प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 07:36 PM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 06:30 AM (IST)
आइएएस बनना चाहते हैं कला संकाय के प्रदेश टॉपर शिव कुमार
आइएएस बनना चाहते हैं कला संकाय के प्रदेश टॉपर शिव कुमार

हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी के 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में कला संकाय में टॉप करने वाले गांव खांबी निवासी छात्र शिवकुमार आइएएस अधिकारी बनकर देश सेवा करना चाहते हैं। शिव कुमार को 500 अंकों में से 494 अंक मिले हैं। पलवल की कृष्णा कॉलोनी में अपने मामा के घर पर रहकर पढ़ाई करने वाले शिव कुमार ने शहर के जीवन ज्योति स्कूल से शिक्षा ग्रहण की है। उनकी भविष्य की योजनाओं पर दैनिक जागरण के संजय मग्गू ने शिव कुमार से विस्तृत बातचीत की प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश :

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बधाई, आप प्रदेश में टॉपर रहे हैं?

- जी धन्यवाद, यह परिवार के वरिष्ठजनों, मेरे माता-पिता तथा गुरुजनों के आशीर्वाद तथा मेहनत से संभव हो पाया है।

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अपने परिवार के बारे में कुछ बताएं?

- मैं गांव खांबी का रहने वाला हूं। पिता सोमदत्त किसान हैं तथा मां शारदा गृहिणी। दो छोटी बहनें नौवीं कक्षा में पढ़ती हैं। पलवल की कृष्णा कॉलोनी में मामा जी डीके शर्मा के घर पर रहकर पढ़ाई की है।

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सफलता के लिए क्या विशेष प्रयास किए ?

- स्कूल से आने के बाद घर पर सात घंटे नियमित रूप से पढ़ाई करता था। 10वीं कक्षा में 94 फीसद अंक आए थे, तभी लक्ष्य निर्धारित कर लिया था कि 12वीं में प्रदेश में टॉप करूंगा, तथा आज यह मुकाम मिल ही गया।

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- घर में क्या दिनचर्या रहती थी?

- मेरे मामा जी अंग्रेजी के प्रवक्ता हैं। वे घर में ट्यूशन भी देते हैं। मैं स्कूल से आने के बाद घर पर छात्रों को ट्यूशन भी देता था। इससे अभ्यास हो जाता था तथा मामा जी का हाथ भी बंटा लेता था।

- आपकी भविष्य की क्या योजना है?

- मैं बहुत ही साधारण परिवार से आता हूं। गरीबों का दर्द क्या होता है तथा उन्हें न्याय की आस में भटकना पड़ता है, भली प्रकार से समझता हूं। मेरा सपना है कि सिविल सर्विस की परीक्षा उत्तीर्ण कर आइएएस अधिकारी बन कर देश की सेवा कर सकूं।

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- बच्चों को सफलता के लिए क्या टिप्स देना चाहेंगे?

- एकाग्रचित्त होकर मेहनत तथा लगन से पढ़ाई करने से कोई भी मुकाम हासिल कर सकते हैं। लक्ष्य निश्चित कर लें तथा फिर उस पर पूरी तन्मयता के साथ लग जाएं, सफलता निश्चित रूप से कदम चूमेगी।

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