आरटीआइ को समझना सभी के लिए आवश्यक
इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर के विधि विभाग तथा महिला कल्याण एवं अध्ययन केंद्र द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम-2005 विषय पर शनिवार को सेमीनार का आयोजन किया गया। सेमीनार का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनीषा बत्रा ने किया। तत्पश्चात बीजवक्ता राज्य सूचना आयुक्त भूपेंद्र धरमाणी ने कहा कि सबके लिए सूचना अधिकार अधिनियम-2005 को पढ़ना एवं समझना अति आवश्यक है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर के विधि विभाग तथा महिला कल्याण एवं अध्ययन केंद्र द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम-2005 विषय पर शनिवार को सेमीनार का आयोजन किया गया। सेमीनार का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनीषा बत्रा ने किया। तत्पश्चात राज्य सूचना आयुक्त भूपेंद्र धरमाणी ने कहा कि सबके लिए सूचना अधिकार अधिनियम-2005 को पढ़ना एवं समझना अति आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि जरूरत इस बात कि है कि हमें अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों के प्रति संवेदनशील बने, तभी सूचना अधिकार अधिनियम सही मायने में सकारात्मक रूप से लाभकारी हो सकती है। राज्य सूचना आयुक्त हेमंत अत्री ने सूचना अधिकार अधिनियम की प्रक्रिया से संबंधित समस्याओं से अवगत कराया। तत्पश्चात उन्होंने प्रश्न आमंत्रित किए तथा वहां उपस्थित श्रोताओं की सूचना अधिकार अधिनियम से संबंधित समस्याओं का निराकरण किया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. मदनलाल ने कहा कि सूचना अधिकार अधिनियम आम आदमी को शीघ्र तथा सस्ते में न्याय उपलब्ध कराने का सबसे सरल एवं सर्वोतम साधन है, बशर्ते इसका दुरूपयोग न हो।
कुलपति डॉ. मारकंडे आहूजा ने अतिथियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि यदि विद्यार्थी, शिक्षक तथा गैर-शिक्षक कर्मचारी अपनी समस्याओं को लेकर सीधे कुलपति के पास आए तो सूचना अधिकार अधिनियम की नौबत ही नहीं आएगी। उन्होंने सभी को बेझिझक अपने पास समस्याओं के निदान के लिए आने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि यदि हम विश्वविद्यालय से अपनापन महसूस करें तो ही सही मायने में उन्नति हो पाएगी। इस मौके पर सभी विभागों के अध्यक्ष, अधिष्ठाता, शिक्षक एवं गैर-शिक्षक कर्मचारी, विद्यार्थी मौजूद थे। सेमीनार के बाद राज्य सूचना आयुक्त भूपेंद्र धरमाणी व हेमंत अत्री के साथ एक घंटे बैठक भी हुई, जिसमें सभी समस्याओं का भी निदान किया गया।